गोरखपुर। गोरखपुर सर्किट हाउस के सामने 6.50 एकड़ में फैले जलाशय को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके सुंदरीकरण के साथ मनोरंजन के संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। जलाशय के किनारे पैदल चलने के लिए रास्ता बनाया जाएगा। इसी तरह नया सवेरा के पास स्थित जलाशय का भी सुंदरीकरण किया जाएगा, ताकि पर्यटन की गतिविधियां संचालित की जा सकें। गोरखपुर विकास प्राधिकरण पहले खुद ही दोनों जलाशयों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने वाला था। जुलाई माह में योजना भी तैयार की थी, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ सकी। अब इसे पीपीपी मोड पर विकसित करने का निर्णय लिया है। इच्छुक फर्म से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा गया है।
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि रामगढ़ताल के आसपास रोजगार एवं पर्यटन विकास की संभावनाओं को बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में ताल के सामने स्थित दो वाटर बॉडी को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। पांच दिसंबर तक ईओआई आमंत्रित की गई है।
जीडीए के अनुसार, सर्किट हाउस के सामने स्थित जलाशय के 50 फीसदी हिस्से में संगीतमय फव्वारा और नौका विहार की सुविधा दी जाएगी। आधे हिस्से को अतिक्रमण से बचाने के लिए चहारदीवारी बनाई जाएगी। इसके चारों ओर आकर्षक एवं सुंदर पौधे लगाए जाएंगे। प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। विभिन्न तरह की दुकानों के लिए जगहें बनाई जाएगी। पर्यटक अपने वाहन खड़ा कर सकें इसके लिए पार्किंग बनाई जाएगी, जिसकी क्षमता 20 कार और 50 बाइक की होगी। एक मनोरंजन उद्यान बनाया जाएगा। इसमें बच्चों के खेलने के लिए सुविधा और स्थान सुरक्षित किया जाएगा। एक टिकट घर भी बनाया जाएगा। इसी तरह, नया सवेरा के पास स्थित जलाशय का भी पर्यटन के लिहाज से विकास किया जाएगा। इससे न केवल जीडीए की आय में इजाफा होगा, बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
5 दिसंबर तक दे सकेंगे ईओआई :-
जीडीए ने जलाशय के विकास के लिए पांच दिसंबर तक ईओआई मांगी है। रामगढ़ताल से 50 मीटर के दायरे में कोई पक्का निर्माण नहीं होगा। इच्छुक फार्मों को 15 वर्ष के लिए लाइसेंस मिलेगा। पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। दोनों ही परियोजनाओं में तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संचालकों की होगी।