हेल्थ एवं फिटनेस। बच्चे परीक्षा के परिणाम को लेकर उत्साहित तो रहते ही हैं साथ ही उन्हे परिणाम को लेकर चिंता भी रहती है। यह मिली जुली भावना काफी सामान्य होती है। लेकिन छात्रों और माता-पिता दोनों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि यह चिंता गंभीर तनाव का रूप न ले। अधिक नंबर पाने का प्रेशर और सामाजिक दबाव बच्चों को तनावग्रस्त कर सकता है।
यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए तो डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है। यही कारण है कि मनोचिकित्सक कहते हैं, रिजल्ट को सिर्फ रिजल्ट की तरह ही देखें, इससे सीख लेते हुए आगे की तैयारी करें। अगर परिणाम आपके इच्छानुसार नहीं आए हैं तो इसपर चिंता न करें बेहतर है कि आप आगे इससे सीख लेते हुए और मेहनत के साथ पढ़ाई शुरू कर दें।
इस समय यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में छात्रों का चिंतत होना स्वाभाविक है। इस समय परिजनों को बच्चों पर अनावश्यक प्रेशर डालने से बचना चाहिए। यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस दौरान कुछ साधारण सी बातों को ध्यान में रखकर चिंता-तनाव को कम किया जा सकता है। आइए ऐसे कुछ उपायों के बारे में जानते हैं:
जाने विशेषज्ञों की सलाह:-
मनोचिकित्सक कहते हैं कि, छात्रों के लिए रिजल्ट का इंतजार चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बच्चों पर हमेशा अच्छे नंबर पाने का दबाव रहता है। जिसके वजह से परिणाम को लेकर चिंतित, तनावग्रस्त और उदास होना स्वाभाविक है। हालांकि यह अनावश्यक है, तनाव लेने से आपके प्रदर्शन पर ही नकारात्मक असर होता है, यह आपके भावनात्मक, सामाजिक और व्यवहारिक विकास में भी बाधा डाल सकता है। अतिरिक्त तनाव से बचें और बेहतर मेहनत के साथ आगे की तैयारी करें।
लोगों से मिलें:-
इस समय माता-पिता को बच्चों से लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए, उनमें सकारात्मकता का संचार करें। बच्चों पर अधिक नंबर लाने का दबाव डालने या फिर दूसरे साथी बच्चों के साथ उनकी तुलना करने से बचें। बच्चों की मनोदशा को समझने की कोशिश करें। संवाद बनाए रखकर बच्चों को चिंता और तनाव से मुक्त रखने में मदद मिल सकती है।
पर्याप्त नींद लें:-
बच्चों को मोबाइल-कंप्यूटर पर अधिक समय बिताने से बचना चाहिए, इसके दुष्प्रभाव आपमें तनाव की स्थिति को बढ़ा सकते हैं। साथ ही अच्छी नींद लेना बहुत आवश्यक है। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें तनाव-चिंता बढ़ने का खतरा अधिक देखा जाता है।
तनाव के लक्षणों की करें पहचान:-
यदि आपको अत्यधिक चिंता हो रही है, शारीरिक लक्षण (जैसे सिरदर्द और पेट में दर्द), अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और बात-बात पर गुस्सा आ रहा है तो ऐसे संकतों को अनदेखा न करें। ये बढ़ते तनाव का संकेतक हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तनाव प्रबंधन के उपाय जैसे व्यायाम, मेडिटेशन, स्वस्थ आहार और सकारात्मकता बढ़ाने वाले उपाय करना लाभप्रद होता है।