वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अहम जलमार्ग है हिंद-प्रशांत क्षेत्र: रक्षामंत्री

मुंबई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश इतने गैर-जिम्मेदार हैं कि अपने फायदे के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ के कानूनों की मनमानी व्याख्या कर रहे हैं। यह देश अपने संकीर्ण हितों के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की समुद्र कानून संधि (यूएनसीएलओएस) को लगातार कमजोर कर रहे हैं। यह चिंता की बात है। लेकिन भारत एक जिम्मेदार देश होने के नाते, हिंद-प्रशांत महासागर में मुक्त परिवहन व आवागमन का समर्थन करता है। नौसेना में नया डिस्ट्रॉयर आईएनएस विशाखापट्टनम शामिल किए जाने के अवसर पर मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर रविवार को हुए आयोजन में रक्षामंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अहम जलमार्ग है। यहां से विश्व के दो-तिहाई तेल और एक-तिहाई अन्य उत्पादों का परिवहन होता है। दुनिया के करीब आधे कंटेनर यहां से गुजरते हैं। भारत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण राष्ट्र है, हमारी नौसेना यहां की सुरक्षा में अहम भूमिका रखती है। उसके सामने समुद्री लुटेरों, आतंकवाद, हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और पर्यावरण को नुकसान रोकने जैसी चुनौतियां भी हैं। इन जलमार्गों को सुरक्षित व शांतिपूर्ण रखना नौसेना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। भारत चाहता है कि यहां से संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था और सभी देशों के हितों को सुरक्षित रखा जाए, वैश्विक कानूनों का पालन हो। लेकिन मनमानी से कानूनों के मतलब निकाले जाएंगे तो सामुद्रिक कानूनों के पालन में बाधाएं खड़ी होंगी।

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