दिव्यांगों के लिए पदोन्नति में आरक्षण का निर्देश जारी करे केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए अधिकतम चार महीने में निर्देश जारी करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा है कि इसे लेकर अधिकतम चार महीने या उससे भी कम समय में ये निर्देश दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा-34 के प्रावधानों के तहत जारी किए जाएं। शीर्ष अदालत ने यह आदेश केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल आवेदन पर सुनवाई के बाद सुनाया। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में सिद्धाराजू बनाम कर्नाटक मामले में दिए गए फैसले के संबंध में शीर्ष अदालत से स्पष्टीकरण मांगा था। बता दें कि उस फैसले में कहा गया था कि विकलांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण मांगने का अधिकार है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि पहले दिए गए फैसले में कोई अस्पष्टता नहीं है। पीठ ने केंद्र सरकार को 2016 के अधिनियम की धारा-34 के प्रावधान के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए निर्देश जारी करने को कहा। पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) माधवी दीवान और प्रतिवादियों की ओर से पेश वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया। प्रतिवादियों के वकीलों का कहना था कि केंद्र सरकार स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में निर्णयों के प्रभाव को पूर्ववत करने की मांग कर रहा है। उनका कहना था कि लागू होने के पांच साल बाद भी दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा-34 के प्रावधान के तहत कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। पीठ ने एएसजी दीवान से पूछा कि क्या केंद्र ने 2016 अधिनियम की धारा-34 के तहत पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के संदर्भ में निर्देश जारी किया है? दीवान ने कहा कि आदेश को लेकर कुछ स्पष्टीकरणों की दरकार होने के चलते कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। लेकिन पीठ ने कहा कि इसमें स्पष्टीकरण की जरूरत ही नहीं है और आवेदन का निपटारा कर दिया।

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