हाईकोर्ट ने सिंदूर खेला सहित कई धार्मिक गतिविधियों की दी इजाजत

कोलकाता। कोरोना महामारी के साये में तमाम सावधानियों के साथ देश में नवरात्र पर्व शुरू हो गया है। इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए दुर्गा पूजा पांडालों में भक्तों के सीमित प्रवेश के आदेश में राहत दे दी। कोविड-19 की स्थिति में सुधार को देखते हुए हाईकोर्ट ने सिंदूर खेला सह‍ित तमाम धार्मिक गतिविधियों की इजाजत दे दी। उधर महाराष्ट्र में भी गुरुवार से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी और अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने पूर्व के आदेशों को संशोधित करते हुए निर्देश दिया कि तय शर्तों के अनुसार सभी गतिविधियों और पूजा अनुष्ठान जैसे अंजलि, आरती, सिंदूर खेला आदि को पांडाल के अंदर करने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है, यानी कि आपको वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी होगी। वहीं अदालत ने पंडालों में लोगों की संख्या सीमित कर दी है। बड़े पूजा पंडाल में 45 से लेकर 60 लोगों को तो छोटे पंडाल में 10 से15 लोगों को प्रवेश मिल सकेगा। उधर महाराष्ट्र में छह माह बाद गुरुवार से धर्मस्थल फिर खुल गए। मुंबई तथा अन्य स्थानों पर मंदिरों और मस्जिदों में सुबह से ही श्रद्धालू पहुंचने लगे। नवरात्र का पहला दिन होने के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और दोनों बेटे आदित्य और तेजस सुबह करीब नौ बजे मुंब्रा देवी के मंदिर गए और दर्शन किए। मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहीं।

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