हेल्थ। मानसून के मौसम में कई तरह की संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मानसून में डेंगू-मलेरिया समेत कई त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इस मौसम में त्वचा की एलर्जी, कान, नाक और गले की समस्या होना आम बात है। तापमान, हवा की गुणवत्ता, गंदगी और नमी के कारण मानसून में ज्यादातर गर्दन, कोहनी, हाथ, ब्रेस्ट के नीचे, कमर की त्वचा आदि में पसीना आता रहता है। इसके कारण बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इससे व्यक्ति को एलर्जी, फंगल संक्रमण, इंटरट्रिगो, दाद, खाज, त्वचा पर चकत्ते, गले में खराश, एक्जिमा, सर्दी जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। त्वचा में नमी के कारण पसीना आने से संक्रमण फैलता हौ और खुजली होने लगती है। ऐसे में अगर आपको भी बारिश के मौसम में खुजली और रैशेज की समस्या हो, तो इन घरेलू उपायों को अपनाकर राहत पा सकते हैं।
नींबू और बेकिंग सोडा:-
नींबू त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है। बारिश में त्वचा पर नमी के कारण खुजली हो रही हो तो दो चम्मच बेकिंग सोडा और एक चम्मच नींबू को मिलाकर त्वचा पर अच्छे से लगा लें। 5-10 मिनट के बाद त्वचा धो लें। ये प्रक्रिया रोजाना एक बार करने से खुजली से छुटकारा मिलता है।
नीम:-
नीम बहुत लाभकारी आयुर्वेदिक औषधि है। त्वचा संबंधी समस्याओं में नीम का उपयोग फायदेमंद है। अगर खुजली की समस्या को दूर करना है, तो नीम की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाएं। नीम में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण खुजली से राहत दिलाते हैं।
नारियल तेल:-
नारियल का तेल त्वचा को मॉइस्चराइज करने के साथ ही इंफेक्शन को दूर करता है। नारियल के तेल में एंटी इंफ्लामेशन और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद हैं। मानसून में खुजली होने पर प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाने से खुजली और रैशेज नहीं होते।
चंदन का लेप:-
मानसून में अगर त्वचा पर बहुत ज्यादा खुजली हो तो चंदन का लेप स्किन पर लगाएं। त्वचा के लिए चंदन फायदेमंद माना जाता है। ऐसे में बाजार में आपको आसानी से चंदन पाउडर मिल जाएगा। इसमें गुलाब जल मिलाकर खुजली वाली जगहों पर लगाएं। नियमित लगाने से खुजली से राहत मिलती है और त्वचा की रंगत भी निखरती है।