इन चार योगासनों को करने से शरीर बढ़ती उम्र में भी रहेगा एक्टिव…
स्वास्थ्य। उम्र बढ़ने के साथ ही हमारा शरीर कमजोर होने लगता है। शरीर का लचीलापन खत्म होने के साथ ही निष्क्रिय होने लगता है। ऐसे में खुद को स्वस्थ और फ्लैक्सीबल रखने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज, अच्छी और हेल्दी डाइट समेत कई उपाय हैं, लेकिन सबसे कारगर है योग। नियमित योगासन से 50 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों का शरीर एक्टिव हो जाएगा। उनके शरीर का खोया हुआ लचीलापन वापस आ जाएगा। ऐसे में रोजाना योगासन जरुरी है। योग हर बीमारी की दवा है। शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने के लिए चार ऐसे योगासन हैं, जिन्हें रोजाना करना चाहिए। 50 साल से अधिक उम्र के लोगों व बुजुर्गों के लिए योगासन लाभप्रद हैं। ये शरीर में होने वाली समस्याओं को दूर करने के साथ बुजुर्गों को एक्टिव और हेल्दी रखने में मदद करता है। पर्श्वोत्तनासन:- यह आसन कमर, हथेली और शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर सांस खींचते हुए हल्का सा कूदें। इस दौरान एक पैर को तीन से चार फीट की दूरी पर रखें। दोनों हाथों को हिप्स रखते हुए दाएं पैर को आगे बढ़ाएं। फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस खींचते हुए जमीन पर हाथों को रखें। अपना माथा दाएं पैर के घुटने से टच कराएं। इस स्थिति में कुछ समय रहने के बाद पुन: सीधे खड़े होकर दूसरे पैर से ये आसन करें। अधोमुखश्वानासन:- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले हथेलियों को घुटनों से शुरू करते हुए कंधों के नीचे तक ले जाएं और घुटनों को हिप्स के नीचे करें। इसके बाद अपने हिप्स को ऊपर उठाकर अपने घुटनों को सीधा करें। अब आपको उल्टा वी आकार बनाना है, इसके लिए आपको अपने पैरों को संयोजित करना है। फिर एड़ी को फर्श से छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड रहने के बाद इसे फिर से दोहराएं। मालासन:- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मलत्याग करने की अवस्था में बैठ जाएं। अब नमस्कार की मुद्रा बनातें हुए दोनों हाथों की कोहनियों को घुटनों से लगा दें। इसी मुद्रा में रहते हुए धीरे-धीरे सांस अंदर खींचें और बाहर छोड़ें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद आराम से खड़े हो जाएं। इस आसन को प्रतिदिन सुबह उठकर कम से कम दस मिनट करना चाहिए। उत्तानासन:- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर दोनों हाथों को लंबी सांस लेते हुए ऊपर की ओर ले जाएं और फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे जमीन की ओर ले जाएं। ऐसा करते समय अपने पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।