नई दिल्ली। चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना बैलेस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ खरीदने पर विचार कर रही है। यह 150 से 500 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के ठिकानों का पूरी तरह सफाया करने में सक्षम है।
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना द्वारा ‘प्रलय’ खरीदने का प्रस्ताव अग्रिम चरण में है। इस सप्ताह होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में इस पर फैसला होने की उम्मीद है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह ऐसे वक्त आया है, जब भारतीय सेना एक ‘रॉकेट फोर्स’ बनाने पर विचार कर रही है।
रॉकेट फोर्स के गठन का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में विचाराधीन है। हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने कहा था कि दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन कुमार सीमा पर दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए रॉकेट फोर्स के गठन पर विचार कर रहे थे।
प्रलय मिसाइल का पिछले साल दिसंबर में लगातार दो दिनों में दो बार सफल परीक्षण किया गया था। तब से सेना इसके अधिग्रहण और शामिल करने की दिशा में काम कर रही है। 150 से 500 किमी की सीमा के साथ, ‘प्रलय’ रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीकों से संचालित है।
यह गाइडेड मिसाइल है। इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एविएशन प्रणाली शामिल है। सूत्रों के मुताबिक प्रलय सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इसे इंटरसेप्टर मिसाइलों को ध्वस्त करने में सक्षम बनाया गया है। इसमें हवा में निश्चित दूरी तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता भी है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के साथ प्रलय मिसाइलें सेना में सबसे लंबी दूरी की सामरिक हथियार प्रणाली होंगी। इसे लंबी दूरी के सामरिक हथियारों को नियंत्रित करने वाली रणनीतिक बलों की कमान संचालित करती है।