भारतीय सेना लो लेवर लाइटवेट रडार से होगी लैस…

नई दिल्‍ली। एलएसी पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने खुद को लो लेवल लाइटवेट रडार (एलएलएलडब्ल्यूआर) से लैस करने की मांग की है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारतीय सैन्य अधिकारी ने बताया कि एलएसी पर पहाड़ी इलाकों के कारण निगरानी करना संभव नहीं है। इसका फायदा उठाकर दुश्मन के हेलीकॉप्टर, ड्रोन आसानी से भारतीय सीमा पर प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए भारतीय सेना को एलएलएलडब्ल्यूआर से लैस किए जाने की आवश्यकता है। मेक इन इंडिया के तहत यह रडार भी परियोजनाओं में शामिल है, जिसे सेना, उद्योग के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है। इसको लेकर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने एक सूची भी जारी की है। इस सूची में निगरानी और सशस्त्र ड्रोन, काउंटर ड्रोन सिस्टम, पैदल सेना हथियार, रोबोटिक निगरानी प्लेटफॉर्म, पोर्टेबल हेलीपैड्स और गोला-बारूद भी शामिल है। चीन के साथ भारत का उत्तरी और पूर्वी सीमाओं तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस तनाव के कारण पिछले 18 महीने से दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर डटी हुई हैं। कई बार सैन्य वार्ताओं का भी कोई नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में इस दुर्गम क्षेत्र को चीन से और सुरक्षित करने के लिए सेना को लो लेवल लाइटवेट रडार की आवश्यकता है। सेना को ऐसा रडार चाहिए 50 किमी की सीमा पर वायु रक्षा हथियारों का सामरिक नियंत्रण भी रखता हो। सरकार ने 209 ऐसी रक्षा वस्तुओं की सूची जारी की है, जिनके आयाता पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एलएलएलडब्ल्यूआर भी उनमें से एक है।

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