सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत में 2023 से स्वदेशी वैक्सीन निर्माण

नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) सीरवावैक”(CERVAVAC)  वैक्सीन का उत्पादन 2023 की पहली तिमाही में शुरू होगा। कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हो गई थी। शुक्रवार को ये जानकारी एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने दी।

पूनावाला ने कहा कि इसमें एक साल की देरी हो गई क्योंकि हम इसके लिए एक नए तरीके का उपयोग कर रहे हैं। हम कोवोवैक्स के लिए मूल एचपीवी वैक्सीन निर्माण का उपयोग करते हैं। इसलिए, महामारी के दौरान हमारे पास कोई विकल्प नहीं था और आप जानते हैं डेंगू जैसे कई टीके और अन्य विकास कार्यक्रमों के कारण दो साल की देरी हो गई।

2023 में एचपीवी वैक्सीन के उत्पादन पर एसआईआई के सीईओ ने कहा कि सरकार को प्रति माह लगभग 10 लाख या 20 लाख खुराक की आपूर्ति की जाएगी। हम एक बहुत छोटी मात्रा में बना रहे हैं और इसे अगले साल की पहली तिमाही में भारत सरकार के कार्यक्रम में लॉन्च करेंगे और इसके बाद सात करोड़ मिलियन खुराक की क्षमता होगी जो उसके बाद 15 करोड़ से 20 करोड़ खुराक तक जा सकती है। 2023 में लगभग दो करोड़ खुराक की क्षमता होगी।

इससे पहले अदार पूनावाला ने कहा था कि एचपीवी वैक्सीन सस्ती कीमत पर उपलब्ध होगी। हम कुछ महीनों में कीमत की घोषणा करेंगे, यह लगभग 200-400 रुपये होगी। हम भारत सरकार के साथ निर्माण और चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप देंगे। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह उस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जहां सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन “CERVAVAC” की घोषणा की गई थी।

सिंह ने कहा था कि भारत सर्वाइकल कैंसर के लिए पहला स्वदेशी रूप से विकसित टीका लेकर आया है, जो कम उम्र की महिलाओं में पाया जाता है। पीएम को इस बात के लिए धन्यवाद कि अब हम इसे रोकने उपाय कर सकते हैं। यह टीका सस्ता होगा।

 

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