नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने एक महीने के भीतर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने को कहा है। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि इस कदम का उद्देश्य भ्रष्टाचार की शिकायतों पर समय से कार्रवाई सुनिश्चित करना और अत्यधिक देरी को रोकना है।
CVC ने अपने ताजा आदेश में कहा कि मुख्य सतर्कता अधिकारियों (CVO) को संबंधित रिकॉर्ड और दस्तावेजों की जांच के आधार पर आयोग से शिकायत/पत्र मिलने के 30 दिनों की अवधि के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को सौंपनी होगी। सीवीओ भ्रष्टाचार की जांच के लिए आयोग के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं।
केंद्र सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सीवीओ को जारी आदेश में कहा गया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट को अग्रेषित करते समय सीवीओ को स्पष्ट शब्दों में अपनी सिफारिशें और विचार भी देने चाहिए।
सीवीसी ने अगस्त 2020 में जारी अपने पहले के निर्देश में संशोधन किया है और कहा है कि आयोग ने आवश्यक होने पर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए संबंधित सीवीओ को शिकायतें भेजने का फैसला किया है। सीवीसी ने अपने 2020 के आदेश में सीवीओ से कहा था कि वे सीवीसी से शिकायतें प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने के भीतर भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
सीवीसी की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, आयोग की ओर से सीवीओ को भेजी गई 231 शिकायतें 31 दिसंबर, 2021 तक जांच और रिपोर्ट के लिए लंबित थीं। इनमें से 61 तो तीन वर्ष से अधिक समय से जांच और रिपोर्ट के लिए लंबित थे। माना जा रहा है कि जांच और रिपोर्ट की लंबित अवधि कम करने के लिए सीवीसी ने एक महीनें में तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।