जम्मू-कश्मीर। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में निवेश की राह में आने वाली तमाम बाधाएं दूर की जा रही हैं। वहीं संपत्ति पंजीयन (रजिस्ट्री) के लिए स्टांप ड्यूटी कम की जाएगी। सिंगल विंडो व्यवस्था से निवेशकों की फाइल को मंजूरी मिलेगी। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में रियल्टी कानून रेरा लागू कर दिया गया है। वहीं प्रदेश में मॉडल टेनेंसी एक्ट को अपनाया गया है। एलजी मनोज सिन्हा सोमवार को जम्मू कन्वेंशन सेंटर में रियल एस्टेट सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह हजार एकड़ भूमि की पहचान की गई है। यहां निवेशकों के लिए तमाम सुविधाएं होंगी। प्रदेश में जमीन के मालिक के पास पूरा हक होगा कि वह भूमि का इस्तेमाल कैसे करना चाहता है। इसके लिए संबंधित नियमों में संशोधन भी किए गए हैं। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि संपत्ति के मालिक और किरायेदार के बीच संतुलित व्यवस्था से समझौते के लिए माहौल तैयार किया गया है। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शी व जवाबदेह ढांचे की सुविधा के लिए रेरा पोर्टल, हाउसिंग पोर्टल, एकीकृत नीलामी पोर्टल लाए गए हैं। इस तरह की पहल से डेवलपर्स और घर खरीदार दोनों को उनकी सभी जरूरतों के लिए वन स्टाप पोर्टल की मदद मिलेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि विपक्षी दल विकास को लेकर एक ऐसा डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका वास्तविकता से कोई ताल्लुक नहीं है। यहां किसी प्रकार से भी जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं होगा। यह कहना कि बाहरी लोग यहां लोगों की जमीन-संपत्ति हड़प लेंगे, लोगों के दिलों में भय का माहौल बनाने की कोशिश से प्रेरित है। बाहरी निवेशक स्थानीय बिल्डरों को साथ लेकर काम करेंगे। कहीं पर भी किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा। मॉडल टेनेंसी एक्ट जैसी व्यवस्थाएं इसे सुनिश्चित करेंगी। वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार ने नारेदको के साथ कौशल विकास के लिए एमओयू किया है। इसके तहत नारेदको नेशनल निर्माण उद्योग के विभिन्न कौशलों में 10 हजार श्रमिकों को प्रशिक्षित करेगा। इसमें विद्युत, प्लंबर, चिनाई, बढ़ई का कौशल शामिल होंगे। वहीं जम्मू-कश्मीर रियल एस्टेट शिखर सम्मेलन में तीन आवासीय योजनाएं लागू की गईं। इसमें पीएमएवाई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक हजार अपार्टमेंट बनेंगे। अन्य मिडिल और हाई इनकम ग्रुप के लिए 150 अपार्टमेंट लांच किए जा रहे हैं। इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।