नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए आज का दिन बेहद खास रहा। रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट संचार कंपनी वनवेब 36 सैटेलाइटों को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। शनिवार को इसरो ने बताया कि वनवेब इंडिया -2 मिशन के जरिए 36 सैटेलाइटों के लॉन्च के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है।
इन सैटेलाइटों को 26 मार्च की सुबह 9 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। गौरतलब है कि कुल 643 टन वजनी और 43.5 मीटर लंबा यह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे भारी प्रक्षेपण यान है जो अब तक पांच सफल उड़ानें पूरी कर चुका है, जिसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है। ये 36 उपग्रह 5805 टन वजन के हैं।
‘LVM-3/वनवेब इंडिया-2 मिशन
इसरो ने बताया कि मौजूदा मिशन LVM-3 M-3, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह मिशन है, जिसे उसके ग्राहक ब्रिटिश कंपनी मैसर्स नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड (मैसर्स वन वेब) के लिए चलाया जा रहा है। LVM-3 इसरो के सबसे भारी प्रक्षेपण यान जीएसएलवीएमके -3 का ही नया नाम है जो सबसे भारी उपग्रहों को निश्चित कक्षा में प्रक्षेपित करने की क्षमता रखता है।
वनवेब सैटेलाइट की बात करें तो यह यूके की संचार कंपनी है। इसमे ब्रिटेन की सरकार के साथ, भारत की भारतीय इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान की सॉफ्टबैंक, अमेरिका की ह्यूज्य नेटवर्क्स और दक्षिण कोरिया की हनव्हा बड़ी साझेदार हैं। इसका मुख्यालय लंदन में है। इस कंपनी का उद्देश्य दुनियाभर में बेहतर ब्रॉडबैंड सेवा को मुहैया कराना है।