- जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में दुबई पोर्ट की दिग्गज कंपनी डीपी वर्ल्ड 250 एकड़ भूमि पर इनलैंड पोर्ट का निर्माण करेगी। सऊदी अरब के प्रदेश में निवेश के एलान की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम होगा। डीपी वर्ल्ड की टीम शीघ्र ही प्रदेश का दौरा कर प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। सऊदी अरब के दौरे के दूसरे दिन उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए अल माया ग्रुप, एमएटीयू इन्वेस्टमेंट्स, जीएल एम्प्लॉयमेंट ब्रोकरेज और नून के साथ कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर व दुबई के व्यापार, निवेश संबंधों को और मजबूत करेगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दुबई में इन्वेस्टर्स समिट में कहा कि सम्मेलन को वैश्विक कंपनियों, निवेशकों और व्यापार प्रबंधकों के प्रतिनिधियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। डीपी वर्ल्ड के चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलेयम जम्म-कश्मीर में एक इनलैंड पोर्ट बनाने के लिए तैयार है। जम्मू-कश्मीर में मजबूत व्यापार परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के बड़े व्यापारिक समूहों ने प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई है, जो एक नई और व्यापक साझेदारी की शुरुआत है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंध 21वीं सदी में स्थायी वैश्विक भागीदार बनने के लिए पर्याप्त परिपक्व हो गए हैं।
यह जम्मू कश्मीर की यात्रा का वह समय है जब अवसर प्रचुर मात्रा में हैं। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उद्योगों को अपने आसानी से उपलब्ध प्रचुर संसाधनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने, जुड़ने और सहयोग करने का अवसर प्रदान करने की क्षमता है। पिछले 28 महीनों में प्रदेश सोये हुए कारोबारी स्थान से अवसरों और निवेश की भूमि में बदल गया है। पारदर्शी नीतियों, व्यापार करने में आसानी के कारण 45 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव आ चुका है। इसके अलावा रियल एस्टेट क्षेत्र में 18300 करोड़ का प्रस्ताव आ रहा है। जम्मू-कश्मीर बढ़ रहा है, जहां निवेश करने का सबसे अच्छा समय अभी है। उन्होंने कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर के लिए आर्थिक विकास का उच्च लक्ष्य निर्धारित किया है, जो भारत का ताज है। इतिहास की परतों में दिखाई देने वाली चिरस्थायी संस्कृति और मानव जाति के लिए ज्ञात लगभग सभी प्रमुख धर्मों के सह-अस्तित्व के साक्षी के रूप में जम्मू कश्मीर ने देश के लिए एक समावेशी सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है।