धर्म। आज देशभर में धनतेरस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। धनतेरस के अवसर पर शाम को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के स्थिर देव कुबेर की पूजा विधि विधान से करते हैं। माता लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे परिवार में धन, दौलत, सुख, समृद्धि आती है, जबकि गणेश जी सभी प्रकार के अमंगल को दूर करके शुभता प्रदान करते हैं और कुबेर की कृपा से धन दौलत में अपार वृद्धि होती रहती है। माता लक्ष्मी चंचला होती हैं, इसलिए उनके साथ गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि वे स्थिर रहें। चलिए जानते हैं धनतेरस के शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और लक्ष्मी कुबरे पूजा की विधि-
धनतेरस तिथि:-
आज शनिवार को शाम 04 बजकर 33 मिनट से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है और कल रविवार शाम 05 बजकर 04 मिनट तक मान्य रहेगी।
धनतेरस पूजा मुहूर्त:-
आज शाम उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग में लक्ष्मी, श्रीगणेश और कुबेर की पूजा का शुभ मुहूर्त 06:21 बजे से रात 08:59 बजे तक है।
खरीदारी मुहूर्त:-
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त शाम 07:03 बजे से लेकर रात 10:39 बजे तक है।
धनतेरस पूजन सामग्री:-
- माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर और नए वस्त्र, चाहें तो श्री यंत्र, कुबेर यंत्र का भी पूजा में उपयोग कर सकते हैं।
- कमलगट्टा, धनिया खड़ा, कमल और लाल गुलाब का फूल, माला, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, दूर्वा, कुश, पंच मेवा।
- मूर्ति स्थापना के लिए चौकी, अक्षत्, हल्दी, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव।
- दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, नैवेद्य, मिठाई।
- गुलाल, कपूर, यज्ञोपवीत, कुमकुम, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, इलायची (छोटी), लौंग, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन।
- चांदी या सोन का सिक्का, श्रीफल या नारियल, कलमख् बहीखाता आदि।
लक्ष्मी-कुबेर पूजा विधि:-
आज धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में पूजन सामग्री की व्यवस्था कर लें। उसके बाद पूजा स्थान पर चौकी को रखें। उस पर एक वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें। सबसे पहले गणेश जी को अक्षत्, सिंदूर, फूल, दूर्वा, पान का पत्ता, सुपारी आदि अर्पित करते हुए पूजन करें।
इसके पश्चात माता लक्ष्मी को सिंदूर, अक्षत्, कमल का पुष्प, कमलगट्टा, फल, धूप, दीप, गंध, मिठाई आदि अर्पित करते हुए पूजा करें। इसके बाद कुबेर की पूजा करें। पूजा के समय इनके मंत्रों का उच्चारण अवश्य करें। फिर कलम, खाताबही आदि की भी पूजा कर लें।
फिर आप गणेश चालीसा, लक्ष्मी चालीसा और कुबेर चालीसा का पाठ करें। फिर सबसे अंत में गणेश जी, माता लक्ष्मी और कुबेर की आरती करें। उसके बाद सभी से प्रार्थना करें कि आपके धन, संपत्ति, नौकरी, बिजनेस आदि में उन्नति हो। स्वास्थ्य उत्तम रहे। परिवार तरक्की करे।