आस्था। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 04 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। नवरात्रि के पावन उत्सव पर मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी धरती लोक पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों के कष्टों को हर कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। साथ ही नौ दिनों के लिए माता रानी के नाम की अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। अखंड ज्योति का मतलब ऐसी ज्योति जो बिना बुझे निरंतर जलती रहे। आइए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियम और लाभ-
क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति ?
माना जाता है कि अखंड ज्योति के प्रकाश से आपके घर-परिवार की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा जो भी भक्त नौ दिनों तक बिना बुझे अखंड ज्योति जलाता है उसे मां दुर्गा आशीर्वाद देकर उसके जीवन में हमेशा प्रकाश बनाए रखती हैं
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम:-
- शुभ मुहूर्त देखकर ही अखंड ज्योति को प्रज्वलित करना चाहिए।
- अखंड ज्योति को लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं।
- अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें।
- यदि आपके पास ज्योति जलाने के लिए देसी घी नहीं है, तो तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अखंड ज्योति के लिए रुई की जगह कलावे का इस्तेमाल करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी रखें कि ज्योति नौ दिनों तक जलती रहे।
- इसे प्रज्वलित करने से पहले इसमें आप बहुत थोड़े से चावल भी डाल सकते हैं।
- अखंड ज्योति को देवी मां के दाईं ओर रखा जाना चाहिए।
- अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए।
- अखंड ज्योति को कभी पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए।
- नवरात्रि समाप्त होने पर ही इसे स्वयं ही समाप्त होने देना चाहिए।
अखंड ज्योति के फायदे :-
मान्यता है कि जिस दीपक की लौ सोने के समान जल रही हो वह दीपक आपके जीवन में धन्य-धान लेकर आता है। साथ ही व्यवसाय और नौकरी में तरक्की का संदेश भी देता है। नवरात्रि के दौरान घर में अखंड ज्योति जलाने से सुख-समृद्धि और धन-संपदा प्राप्त होती है। वहीं कहा जाता है कि अखंड ज्योत का बिना किसी कारण अपने आप बुझ जाना अशुभ होता है।