लाइफ स्टाइल। दुनिया भर में 27 सितंबर को ‘विश्व पर्यटन दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के महत्व को समझना है। लोगों को पर्यटन, घूमने-फिरने के महत्व के बारे में बताना, इसके प्रति जागरूक करना है। अक्सर हम अपनी दिनचर्या में इतने व्यस्त रहते हैं कि घूमने-फिरने का प्लान नहीं बना पाते। एक राज्य से दूसरे राज्य के शहरों में जाकर ही हम वहां के कल्चर, खानपान, रीति-रिवाज को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
देश-विदेश के मशहूर पर्यटक स्थलों को करीब से देखने-समझने का मौका तभी मिलेगा, जब आप अपने घर से बाहर घूमने निकलेंगे। लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें घूमना-फिरना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो हर 5-6 महीने में कहीं ना कहीं घूमने निकल पड़ते हैं। यदि आपको लगता है कि घूमने-फिरने से समय बर्बाद होता है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। चलिए जानते हैं घूमना-फिरना क्यों है ज़रूरी-
-जब भी आप कहीं यात्रा पर जाते हैं, तो वहां के कल्चर, संस्कृति, खानपान को नज़दीक से देख-जान पाते हैं। अलग-अलग भाषा को जानने का मौका मिलता है। घूमने-फिरने से पर्सनल ग्रोथ को बढ़ाने का भी मौका मिलता है।
-हर दिन के रूटीन से हटकर आप ट्रैवल के दौरान कुछ नया करते हैं। ट्रैवलिंग में कई बार कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते हैं, जिनसे एक नया रिश्ता डेवलप हो जाता है। कई बार तो कुछ लोग हमेशा के लिए सच्चे दोस्त या फिर लाइफ पार्टनर भी बन जाते हैं। ट्रैवलिंग के जरिए आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलते हैं।
-ट्रैवल करने से व्यक्तिगत विकास होता है। ऐसे में आप प्रत्येक 6 महीने के गैप में दो-तीन दिन के लिए किसी ना किसी टूरिस्ट प्लेस पर घूमने निकल जाएं। अपने जीवन को अपने अनुसार जीने का मौका मिलता है।
-घूमने-फिरने से आप डेली रूटीन लाइफ की स्ट्रेस, चिंता, टेंशन से दूर होते हैं। ट्रैवलिंग से मानसिक शांति और सुकून का अहसास होता है। कुछ ही दिनों के लिए सही आप अपने सारे ग़म, परेशानियों को भूल जाते हैं।
-यदि आप लंबी उम्र तक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो ट्रैवलिंग करने के लिए खुद को जरूर प्रेरित करें। जब आप किसी टूर पर होते हैं, तो आपका शरीर और दिमाग दोनों ही बहुत एक्टिव होता है। ट्रैवल करने से आपको मानसिक रूप से रिलैक्स महसूस होता है और आप स्ट्रेस फ्री रहते हैं।
घूमने-फिरने से होते हैं कई लाभ:-
यदि आप ट्रैवल करते हैं, तो स्ट्रेस दूर होता है, मूड फ्रेश होता है, दिमाग और मन पर पॉजिटिव असर होता है। घूमने-फिरने के दौरान जो लोग ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, बोटिंग, स्कूबा डाइविंग जैसे साहसिक खेलों में शामिल होते हैं, वे शरीर के साथ-साथ दिमाग से भी दुरुस्त रहते हैं। उनका दिल मजबूत होता है। अंदर का डर, हिचक दूर होता है। आप किसी भी कठिन कार्य को आसानी से कर पाते हैं। ट्रैवलिंग से मन को संतुष्टि और खुशी मिलती है, जिससे आपका सारा टेंशन, स्ट्रेस कम होता है।