धर्म। महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी शनिवार को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और अधिकतर लोग व्रत रखते हैं। व्रत के समय महाशिवरात्रि कथा को सुनें। इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। महाशिवरात्रि को पूरे दिन आप शिव पूजा कर सकते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव जी की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। भगवान भोलेनाथ की पूजा में कुछ चीजें नहीं चढ़ाते हैं तो कुछ वस्तुओं को अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन क्या करें और क्या न करें-
महाशिवरात्रि पर क्या करें:-
- महाशिवरात्रि के दिन आप भगवान शिव के साथ माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश जी और नंदी की पूजा करें। ये सभी लोग शिवपरिवार का हिस्सा हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन अगर आप व्रत हैं तो महाशिवरात्रि की व्रत कथा अवश्य पढ़ें या सुनें। बहुत से लोग व्रत रखते हैं लेकिन व्रत कथा नहीं सुनते हैं, इससे आपको व्रत का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होगा।
- 3. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र और गंगाजल को अवश्य शामिल करें। इन दो वस्तुओं के अर्पण से भगवान शिव प्रसन्न हो जाएंगे।
- शिव जी को पूजा में पूर्ण अक्षत्, सफेद चंदन, दही, शहद, दूध की मिठाई, भस्म, सफेद फूल, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें।
- महाशिवरात्रि व्रत वाले दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- महाशिवरात्रि की रात निशिता मुहूर्त में पूजा करते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूर्ण किया जाता है।
महाशिवरात्रि पर क्या न करें:-
- महाशिवरात्रि के दिन और उससे एक दिन पूर्व से मांसाहार, शराब, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को दिन में सोने की मनाही होती है।
- शिव पूजा में हल्दी, सिंदूर, रोली, मेंहदी जैसी वस्तुओं का उपयोग नहीं करते हैं, ये सौंदर्य और स्त्री तत्व का प्रतीक है।
- शिव जी की पूजा में शंख, नारियल, तुलसी के पत्ते, काले तिल आदि का उपयोग नहीं होता है। तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से मानाजाता है।
- केतकी, केवड़ा, कनेर, कपास आदि के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ये वर्जित हैं।