गंगा के नीचे से गुजरेगी मेट्रो, बनेगा एशिया का दूसरा सबसे गहरा स्टेशन

कोलकाता। कोलकाता मेट्रो एक परियोजना पर काम कर रही है। इस परियोजना के तहत देश में पहली बार मेट्रो गंगा नदी के नीचे से दौड़ेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो देश को अगले वर्ष जनवरी तक एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी मिल जाएगा। यह महत्वकांक्षी परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है।

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के तहत कोलकाता के साल्टलेक सेक्टर- 5 से हावड़ा मैदान को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना के तहत गंगा (हुगली) नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। ये देश में अपनी तरह की पहली मेट्रो परियोजना है। इसके साथ ही हावड़ा शहर को अगले वर्ष जनवरी तक एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन मिल जाएगा।

हावड़ा स्टेशन के ठीक नीचे बन रहा मेट्रो स्टेशन कई मायनों में खास है। अधिकारियों की माने तो यह मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे होगा। गौरतलब है कि अभी एशिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन हांगकांग में है, जिसकी गहराई करीब 60 मीटर है। हांगकांग के बाद हावड़ा स्टेशन एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा।

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना 16.55 किलोमीटर लंबी है। इस परियोजना का लगभग 10.81 किलोमीटर का क्षेत्र भूमिगत होगा जबकि 5.74 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटेड (ऊपरी हिस्से) होगा। इस लाइन पर  कुल 12 स्टेशन होंगे। इस लाइन पर हावड़ा स्टेशन के बाद का रास्ता हुगली नदी के नीचे से होते हुए कोलकाता के महाकरण (राइटर्स) मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेगा। इसकी मदद से हावड़ा और सियालदह जैसे देश के व्यस्ततम स्टेशन सीधे मेट्रो सेवा से भी जुड़ जाएंगे। इससे लाखों यात्रियों को काफी लाभ होगा। कुछ हिस्से पर मेट्रो सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है।

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना की खास बातें:-

  • अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी।
  • नदी के नीचे से गुजरने में 60 सेकंड से भी कम समय लगेगा।
  • हावड़ा मैदान से एसप्लैनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा
  • कुल 55 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
  • यह पूरा मेट्रो मार्ग वर्ष 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा।
  • इस मेट्रो लाइन परवर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।

 

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