खेल। नीरज चोपड़ा ने विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर फिर इतिहास रच दिया जिससे पूरा देश गौरवान्वित है। पहले जहां एथलेटिक्स की दुनिया में देश की पहचान उड़न सिख मिल्खा सिंह और उड़न परी पीटी ऊषा जैसे सितारों से होती थी वहीं आज स्वर्णिम इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने नई पहचान दिलाई है।
नीरज के अपनी सफलता का सफर 2016 में जूनियर विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने भाले को सुनहरा करने के साथ शुरू किया था। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता का क्रम जारी रखा। नीरज ने 2021 टोक्यो ओलम्पिक में भी जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीत कर राष्ट्रगान बजवा कर देश का सिर ऊंचा किया था।
विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2003 में पेरिस में अंजूबाबी जार्ज ने ऊंची कूद में भारत को कांस्य दिलाया था लेकिन उसके बाद 19 सालतक पदक का सूखा रहा, जिसे 24 जुलाई, 2022 को यूजीन में रजत जीत कर नीरज ने खत्म किया। इसी के साथ नीरज विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए, जो देश के लिए अविस्मरणीय उपलब्धि है। कभी- कभी ऐसी भी स्थिति आती है कि व्यक्ति का हौसला पस्त हो जाता है लेकिन परिस्थितियों से संघर्ष ही सफलता की कुंजी है।
नीरज के जीवन में भी एक ऐसा समय आया जब वह एथलेटिक्स की दुनिया छोड़ सकते थे। कारण था कोहनी की समस्या, लेकिन अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति से इससे निजात मिली और आज वह ट्रैक एण्ड फील्ड खेलों के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए। नीरज की इस गौरवशाली उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री समेत देशवासियों ने शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उम्मींद ही नहीं विश्वास है कि आगे होने वाले विश्व चैम्पियनशिप में नीरज का भाला सोने से दमकेगा।