Arvind Kejriwal Bail: आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दो याचिकाओं पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने फैसला सुनाया. जिसमें आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी. वहीं, सीबीआई की गिरफ्तारी से जुड़ी याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं थी.
हालांकि ईडी के मामले में केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत मिली थी, ऐसे में उनके जेल से बाहर आने का रास्ता एकदम साफ हो गया है. बता दें कि आज से 103 दिन पहले यानी 2 जून को उन्होंने अंतरिम जमानत की मियाद पूरी होने के बाद सरेंडर किया था. वहीं, कयास लगाए जा रहे है वो आज ही जेल से बाहर आ सकते है.
जस्टिस कांत ने गिरफ्तारी को वैध माना
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस कांत ने कहा कि तर्कों के आधार पर हमने 3 प्रश्न तैयार किए हैं. क्या गिरफ्तारी अवैधता थी? क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए? क्या आरोप पत्र दाखिल करना परिस्थितियों में इतना बदलाव है कि उसे ट्रायल कोर्ट में भेजा जा सके? इन सवालों पर उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को गिरफ्तार करना कोई गलत बात नहीं है. हमने पाया है कि सीबीआई ने अपने आवेदन में उन कारणों को बताया है कि उन्हें क्यों ये जरूरी लगा. इस दौरान धारा 41ए (iii) का कोई उल्लंघन नहीं है. हमें इस तर्क में कोई दम नहीं लगता कि सीबीआई ने धारा 41ए सीआरपीसी का अनुपालन नहीं किया.
जमानत देने का फैसला सुनाया
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के जमानत पर हमने विचार किया है. मुद्दा स्वतंत्रता का है. लंबे समय तक कारावास आजादी से अन्याय के समान है. हमें लगता है कि इस मामले का नतीजा जल्द ही आने की संभावना नहीं है. सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ को लेकर अभियोजन पक्ष की आशंकाओं पर विचार किया गया. उन्हें खारिज करते हुए हमने निष्कर्ष निकाला है कि अपीलकर्ता को जमानत दी जानी चाहिए.
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