Delhi: पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली की पूर्व सीएम सुषमा स्वराज आज 6वीं पुण्यतिथि है. इसी मौके पर सुबह से ही सुषमा स्वराज के प्रशंसकों के साथ ही बड़े-बड़े नेता उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
बेटी व लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज ने लिखा भावुक संदेश
छह बरस हो गए माँ… पर आज भी अनायास ही आँखें आपको ढूँढ लेती हैं, भीड़ में, संसद की तस्वीरों में, हर उस मोड़ पर जहाँ आप होतीं तो मुझे थाम लेतीं. छह बरस हो गए माँ… पर हर उपलब्धि पर दिल सबसे पहले आपकी आँखें तलाशता है, क्योंकि आपकी नज़र से मिली शाबाशी ही मेरी सबसे बड़ी जीत होती थी.
सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि पर इन वरिष्ठ नेताओं ने किया याद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुषमा स्वराज का विनम्र अभिवादन करते हुए कहा कि वह भाजपा की वरिष्ठ नेता और पद्म विभूषण से सम्मानित थीं. उनकी स्मृति को नमन करते हुए गडकरी ने उनके कार्यों को याद किया.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सुषमा स्वराज को उनकी ओजस्वी वाणी, ज्ञान और मधुर स्वभाव के लिए याद किया. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में उच्च मानदंड स्थापित किए, जो हमेशा याद रहेंगे. उनकी निष्ठा, स्पष्टता और राष्ट्र प्रथम की भावना हर भारतीय के लिए प्रेरणा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुषमा स्वराज को ओजस्वी वक्ता और प्रभावशाली नेता बताया. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज का जीवन लोक कल्याण और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित था. विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों की मदद की और अपने कार्यों से हमेशा याद की जाएंगी.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुषमा स्वराज को सौम्यता और सादगी की मिसाल बताते हुए श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ने राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत के साथ अपना जीवन देश सेवा में समर्पित किया. संगठन के विस्तार और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान प्रेरणादायी है.
केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुषमा स्वराज को अपनी श्रद्धेय दीदी कहकर याद किया. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज के जाने के छह साल बाद भी उनकी मौजूदगी महसूस होती है. उनके व्यवहार में मां की ममता और बहन का प्यार झलकता था. वह अपने कार्यों और विचारों से हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी. उन्होंने उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प दोहराया.
सुषमा स्वराज का राजनीतिक करियर
1. सुषमास्वराजपेशे से एक वकील थी लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 के दशक में छात्र नेता के रूप में की थी.
2. वह मात्र25 वर्ष की उम्र में हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में (वर्ष 1977 – 82) चुनी गयीं थीं. हालाँकि वे 1987- 90 की में अवधि फिर से से नियुक्त हुईं थीं.
3. वह हरियाणा सरकार में 1977- 79 तक श्रम और रोजगार विभाग में कैबिनेट मंत्री थीं इसके अलावा 1987-90 की अवधि में हरियाणा सरकार में शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकीं थीं.
4. सुषमा स्वराज1990 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं और 1996 में दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित होने तक वहीं रहीं. कुल मिलाकर वह 7 बार संसद सदस्य और 3 बार विधान सभा सदस्य रहीं थीं.
5. सुषमावर्ष1996 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सूचना और प्रसारण मंत्री थीं.
6. मार्च1998 मेंउन्हें दूसरी बार दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से 12वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया था.
7. वर्ष2014 केभारतीय आम चुनाव में, उन्होंने मध्य प्रदेश में विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे कार्यकाल के लिए जीता, 400,000 से अधिक मतों के अंतर से अपनी सीट बरकरार रखी थी.
8. सुषमा स्वराज 26 मई 2014 से 30 मई 2019 तक भारत की विदेश मंत्री रहीं.
सुषमा जी की अन्य उपलब्धियां
1. 977: सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं थी.
2. 1979: 27 वर्षकीआयु में सुषमा स्वराज हरियाणा में जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष बनीं थीं.
3. सुषमा स्वराजके पास राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनने का रिकॉर्ड है.
4. सुषमा स्वराजको हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्पीकर का पुरस्कार दिया गया था.
5. सुषमा स्वराजको 2008 और 2010 में दो बार सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था.
मृत्यु से महज तीन घण्टे पहले अनुच्छेद 370 पर खुशी जताई
लेकिन अपने अंतिम कार्यकाल में आम जन की समस्याओं से भी सीधे तौर पर रूबरू होने वाली यह पूर्व विदेश मंत्री सक्रिय राजनीति से दूर होने के बावजूद ट्विटर पर लगातार सक्रिय रहीं और इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि अपने देहावसान से महज तीन घण्टे पहले उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए टवीट किया था.
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