भाषा विवाद के बीच दिल्ली सरकार का बड़ा प्रस्ताव, अब अन्य राज्यों की भाषा सीखेंगे छात्र

Delhi: महाराष्ट्र में जहां पिछले कुछ समय से भाषा विवाद छिड़ा है, तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भाषा को लेकर एक नया प्रस्ताव रखा गया है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों में सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आपसी समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अन्य राज्यों के छात्रों के साथ एक कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा. रविवार को अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस पहल पर हाल में कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के साथ हुई बैठक में चर्चा की गई.

क्या है प्रस्ताव?
  • दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में अन्य राज्यों की भाषाएं, जैसे तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली आदि पढ़ाने की योजना है.
  • यह योजना शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू करने की तैयारी है.
  • स्कूलों में इन भाषाओं को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति और ऑनलाइन शिक्षण संसाधनों का उपयोग किया जाएगा.
  • छात्रों को अपनी रुचि के आधार पर भाषा चुनने की स्वतंत्रता होगी, बशर्ते कम से कम 20 छात्र किसी विशेष भाषा को चुनें.
  • इस पहल का उद्देश्य हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ भारत की क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना है, ताकि भाषाई विवादों को कम किया जा सके.
विविधता में एकता’ को मजबूती

बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बच्चों को गैर-हिंदी भाषाएं सिखाने की संभावनाएं तलाशने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे उन्हें अन्य राज्यों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को समझने में मदद मिलेगी. 

सीएम गुप्ता ने कहा कि इस तरह की पहल से देश की विविधता में एकता को काफी मजबूती मिलेगी. अधिकारियों को राजधानी में भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश भी दिया गया.

दिल्ली सरकार का दृष्टिकोण

दिल्ली सरकार का यह प्रस्ताव भाषाई विवादों को संतुलित करने का प्रयास है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “हम किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं. हमारा उद्देश्य बच्चों को भारत की विविधता से परिचित कराना और आपसी समझ को बढ़ाना है.” इस योजना के तहत स्कूलों को उपयुक्त पाठ्यपुस्तकें और शैक्षणिक सामग्री प्रदान की जाएगी, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो.

भारत की आधिकारिक भाषा?

आपको बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी देवनागरी लिपि में भारत संघ की राजभाषा है. हालांकि, हिंदी के साथ-साथ भारत में 22 अन्य भाषाएं भी हैं, जिन्हें संविधान की 8वीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है और उन्हें भी आधिकारिक भाषाओं का दर्जा प्राप्त है. 

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