Delhi: दिल्ली में यमुना का जलस्तर एक बार फिर चिंता का विषय बनता जा रहा है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से इस मानसून में पहली बार 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिससे राजधानी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है.
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, कल (22 जुलाई) तड़के 1 बजे बैराज से जल प्रवाह 54,707 क्यूसेक पर पहुंच गया. आमतौर पर बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, जहां पुराना रेलवे पुल इसका मुख्य निगरानी बिंदु है.
जलस्तर बढ़ने की संभावना
अधिकारियों का कहना है कि नदी का जलस्तर 204.5 मीटर के चेतावनी निशान को छू सकता है। मंगलवार शाम तक, यमुना 202.24 मीटर पर बह रही थी। उन्होंने बताया कि अगर आने वाले दिनों में भारी बारिश जारी रही, तो जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।यमुना एक्टिविस्ट और SANDRP सदस्य भीम सिंह रावत के अनुसार, ऊपरी यमुना बेसिन में बारिश जारी रही तो अगले कुछ दिनों में जलस्तर में और इजाफा संभव है. सोमवार रात 9 बजे के बाद से पानी का बहाव 4 घंटे तक 50,000 क्यूसेक से ऊपर रहा और फिर 2 बजे तक घटकर 48,974 क्यूसेक हो गया.
सरकारी योजना और तैयारियां
दिल्ली सरकार की बाढ़ नियंत्रण योजना के अनुसार, जब हथिनीकुंड बैराज से 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जाता है, तभी औपचारिक रूप से पहली चेतावनी जारी होती है. तब सेक्टर-स्तरीय कंट्रोल रूम सक्रिय हो जाते हैं, नावों की तैनाती होती है और संवेदनशील इलाकों में निगरानी तेज कर दी जाती है. हालांकि फिलहाल ये स्थिति नहीं बनी है, लेकिन लगातार बारिश और बढ़ते जलप्रवाह को देखते हुए प्रशासन सतर्क है.
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