G-20 summit 2023: इन दिनों G20 समिट के निमंत्रण पत्रों पर ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ का उल्लेख किए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि ‘इंडिया दैट इज भारत’ और यह संविधान में है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।’
वहीं, आगामी दिनों में नई दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के लिए मोदी सरकार द्वारा खास इंतजाम किए गए है। जिसको लेकर विपक्ष लगातार आलोचना कर रही है। इस आलोचनाओं पर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेष अधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके 2 किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें G-20 ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए। जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी 1983 में फंसे रहना चाहिए उनका 1983 में फंसे रहने का स्वागत है। वहीं G-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने पर एस जयशंकर ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है। लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है। मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है।’