ऑटोमोबाइल। ड्राइविंग करने के लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना बेहद जरूरी है। अगर आपके पास डीएल नहीं है, तो आपके वाहन का चालान कट सकता है। लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। कभी लर्निंग लाइसेंस के लिए तो कभी ड्राइविंग टेस्ट के लिए कई बार आरटीओ जाना पड़ता है। और इतनी मशक्कत करने के बाद कहीं जाकर डीएल बन पाता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि अब आप ऑनलाइन तरीके से भी डीएल के लिए आवेदन कर सकते हैं। इतना ही नहीं आपको आरटीओ जाकर गाड़ी भी नहीं चलाना पड़ेगा और आप ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर चुका है और नए नियम जुलाई से लागू हो चुके हैं।
अब ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। सरकार ने इन ट्रेनिंग सेंटर्स को सशक्त करने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोगों को इन केंद्रों में ट्रेनिंग लेना होगा। जिसके बाद उन्हें ड्राइविंग के प्रशिक्षण का एक सर्टीफिकेट मिलेगा। नियम के मुताबिक इन ट्रेनिंग केंद्रों की वैधता पांच साल होगी जिसके बाद उन्हें अपने ट्रेनिंग देने के लाइसेंस को रिन्यू कराना होगा। ये ट्रेनिंग सेंटर या तो स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी या फिर केंद्र सरकार के अधीन होंगे।
अब ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के इच्छुक लोगों को आरटीओ में अप्लाई करने से पहले एक काम और करना होगा। उन्हें इन केंद्रों में आवेदन करना होगा और इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स में अपना नाम लिखवाना होगा। ये ट्रेनिंग सेंटर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोगों का टेस्ट लेंगे जिसे पास करना होगा। टेस्ट पास करने पर सेंटर एक सर्टिफिकेट जारी करेगा। इस सर्टिफिकेट को हासिल करने के बाद लोग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।
लोगों को इस ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के आधार पर मिलेगा और इसके लिए आरटीओ में जाकर कोई टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन ट्रेनिंग केंद्रों में सिम्युलेटर लगे होंगे और यहां पर ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी मौजूद होंगे। इन सेंटर में लाइट मोटर व्हीकल, मीडियम और हेवी मोटर व्हीकल की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। लाइट मोटर व्हीकल के लिए ट्रेनिंग की पूरी अवधि 29 घंटों की होगी जिसे एक महीने के अंदर पूरा करना होगा। इन ट्रेनिंग केंद्रों में थ्योरी के साथ ही साथ प्रैक्टिकल जानकारी भी दी जाएगी।