स्वास्थ्य। एक ही जगह पर बैठकर घंटो काम करना, काम का दबाव या सही प्रकार से खान-पान का ध्यान न रखना और बढ़ता प्रदूषण आदि कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से आज के समय में शरीर को स्वस्थ रखना एक चुनौती बन गया है। यदि खान-पान में थोड़ा सा बदलाव करने के साथ ही योग को अपने दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए तो यह आप अपने आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रख सकते हैं। योग हमारे शरीर को अंदरुनी रुप से मजबूत बनाकर हमें रोगों से बचाता है। यदि आप खुद को सहेदमंद बनाए रखने के लिए योग की शुरुआत करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने शरीर को इसके अनुकूल बनाना पड़ता है, क्योंकि अंतर्गत कई ऐसे आसन हैं जो कठिन हैं। इन आसन को शुरुआत में करना मुश्किल होता है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही सरल योगासन के बारे में बताएंगे, जिनको आप योग की शुरुआत में करके अपने आप को फिट और तंदरुस्त रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कौन से हैं यह योगासन। अधोमुख आसन- इस आसन को अधोमुख मुद्रा भी कहा जाता है। योग की शुरुआत में यह आसन किया जा सकता है। यह आसन सरल तो है ही इस आसन को करने के कई फायदे भी हैं। इसे करने से पूरे शरीर की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है, जिससे यह आपके शरीर को मजबूती भी देता है। अधोमुख आसन करने से अनिद्रा, तनाव आदि में भी राहत मिलती है। अधोमुख आसन विधि- सबसे पहले एक समतल जगह पर मैट बिछाकर अपने पेट के बल लेट जाएं। अब सांस को खींचते हुए अपने हाथ और पैरो पर बल देते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाएं। अपने सिर को नीचे की ओर ही रखें और अपने शरीर से v की आकृति बनाएं। इस बात का ध्यान रखें की घुटने व कोहनियां एक दम सीधे हो और कंधे व हाथ एक ही सीध में रहें। अपने सिर को इस तरह से रखें कि इस मुद्रा में आपकी आंखे नाभि को देख रही हो। कुछ समय तक अपने शरीर को इसी अवस्था में रोककर रखने के बाद पुनः साधारण अवस्था में वापस आ जाएं। वृक्षासन- योग की शुरुआत करने वालों के लिए ये आसन सरल और बेहतरीन आसन है। इसमें अपने शरीर को वृक्ष के समान संतुलित करना होता है। इस आसन से आप शरीर और सांसो का संतुलन बनाना सीखते हैं। इस आसन को करने से हाथ व पैरों की मांस पेशियों में खिंचाव आता है। जिससे आपकी मांसपेशियों को मजबूत मिलती है। बढ़ती उम्र के बच्चों की लंबाई के लिए भी ये आसन बहुत फायदेमंद रहता है। इस मुद्रा में ध्यान लगाया जाता है। नियमित तौर पर करने से ये आसन आपके तनाव को कम करने में भी सहायक है। वृक्षासन की विधि- सबसे पहले एक समतल स्थान पर दरी बिछाकर सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। अब अपने बाएं पैर को ऊपर उठाते हुए दाएं पैर की जांघ से सटा लें। शरीर को संतुलित रखते हुए वृक्ष की मुद्रा में खड़े हो जाएं। जब तक आप संतुलन बना सकते हैं उतने समय तक इस मुद्रा में रहें। इसके बाद वापस सावधान की मुद्रा में आ जाएं। सेतुबंधासन- इस आसन में शरीर की आकृति सेतु (पुल) के समान हो जाती है। योग की शुरुआत करने वालों के लिए ये योगासन सही रहता है। इस आसन को करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है। आपकी पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और तनाव में राहत दिलाने में भी ये आसन कारगर है। सेतुबंधासन की विधि- अपनी सांसो को सामान्य रखते हुए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों की शरीर के पास जमीन पर रख लें। अब घुटनों को मोड़कर पैरों कों अपने नितंबो के पास ले जाएं। अब अपने हाथों और पैरों के बल शरीर की ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में कुछ देर के लिए सांसो को रोककर रखें। अब सांसो को छोड़ते हुए शरीर को वापस पुरानी अवस्था में ले आएं। बालासन- योग की शुरुआत करने के लिए ये आसन श्रेष्ठ माना जाता है। यह आसन करने में बेहद सरल तो है ही साथ ही में ये फायदेमंद भी है। इस आसन को करने से पाचन संबंधी समस्याओं का निदान होता है। यह आसन कब्ज में भी रहात दिलाता है। इस आसन को करने से हमारी कमर की मांसपेशियों को आराम मिलता है। इसी के साथ ये तनाव को दूर करने में भी कारगर है। बालासन की विधि- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था मैं बैठ जाएं। अपने टखनों और एड़ियों को मिला लें व घुटनों को बाहर की ओर फैलाएं। अब सांस खींचते हुए अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं। जब आपका पेट जांघों के मध्य आ जाए तो सांस को छोड़ दें। अपने हाथों को आगे की ओर रख लें। इस समय आपके दोनों हाथ घुटनों की सीध में रहेंगे। लगभग अपने शरीर को 30 सेकेंड तक इसी अवस्था में रखें। अब धीरे-धीरे वापस पुरानी अवस्था में आ जाएं।