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उत्तराखंड। बारिश पर तीर्थयात्रियों की आस्था भारी पड़ रही है। केदारनाथ धाम में चार हजार से अधिक यात्री मौजूद हैं। सैकड़ों यात्री बाबा के दर्शन कर गौरीकुंड, सोनप्रयाग लौट आए हैं। वहीं बरसात के कारण यात्रा रुकने से बीते रविवार से यात्री निचले स्थानों पर रुके हुए हैं। प्रशासन उनके लिए भोजन की उचित व्यवस्था करवा रहा है। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए यात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ नहीं भेजा जा रहा है। धाम में भी पुलिस व प्रशासनिक टीम को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही पैदल मार्ग से लेकर पड़ावों व केदारघाटी के बाजारों में भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए यात्रा से जुड़े विभागीय अधिकारियों व एसडीएम को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं यात्रा कंट्रोल रूम से मॉनीटरिंग कर रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ गई है। दोपहर बाद से ऊपरी इलाकों में कोहरा छाया हुआ है। अधिकतम तापमान 10 डिग्री व न्यूनतम 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं रुद्रप्रयाग में अधिकतम 26 डिग्री व न्यूनतम 18 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। उधर केदारनाथ यात्रा के अंतिम बस्ती पड़ाव गौरीकुंड में अव्यवस्थाओं का अंबार है। इस कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में शाम ढलते ही जहां बिजली गुल हो रही है। वहीं सीमित वाहनों के कारण बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को सोनप्रयाग जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
आपदा के बाद से प्रशासन की ओर से वर्ष 2014 से सोनप्रयाग से यात्रा का संचालन किया जा रहा है। यात्राकाल में आठ वर्षों से सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए शटल सेवा (टैक्सी-मैक्सी) संचालित की जा रही है लेकिल इस बार, सीमित वाहनों के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को गौरीकुंड से सोनप्रयाग जाने के लिए वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने बताया कि ऊर्जा निगम के अधिकारियों के साथ ही उप जिलाधिकारी को कई बार फोन से स्थिति से अवगत करा दिया गया है। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हो रही है। यात्रा संचालन के नाम पर गौरीकुंड के प्रति शासन, प्रशासन व विभाग उपेक्षित रवैया अपनाए हुए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से गौरीकुंड में व्याप्त अव्यवस्थाओं के निस्तारण की मांग की है।
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