पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच प्रतिस्पर्धा है जरूरी: राष्ट्रपति

नई दिल्ली। संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सभी सांसद, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, संसद के रक्षक हैं और इन्हें अपना दायित्व पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए। प्रतिस्पर्धा को प्रतिद्वंद्विता से भ्रमित नहीं होना चाहिए। संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और यह सभी सांसदों की जिम्मेदारी है कि इस मंदिर का अपमान नहीं होने दें। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आपके विचारों में मतभेद हो सकता है, लेकिन कोई भी मतभेद इतना बड़ा नहीं होना चाहिए, जो जन सेवा के मूल उद्देश्य को बाधित करे। विपक्ष तो लोकतंत्र का सबसे अहम तत्व है। एक प्रभावी विपक्ष के बिना लोकतंत्र ही अप्रभावी हो जाएगा। ऐसी अपेक्षा की जाती है कि सरकार और विपक्ष आपसी मतभेदों के बावजूद नागरिकों के सर्वोत्तम हित में मिलकर काम करना जारी रखें। हमारे संविधान निर्माताओं ने भी यही कल्पना की थी और राष्ट्र निर्माण के लिए यह जरूरी भी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कह कि पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच प्रतिस्पर्धा जरूरी है लेकिन यह एक बेहतर प्रतिनिधि बनने के लिए होनी चाहिए, इनके बीच जनता का अधिक से अधिक भला करने की प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। जब ऐसा होगा तभी यह एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा मानी जाएगी। संसद में प्रतिस्पर्धा को प्रतिद्वंद्विता से भ्रमित नहीं होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *