नई दिल्ली। शोधकर्ताओं ने आखिर वह तरीका खोज ही लिया है, जिससे लाखों लोगों को श्वसन तंत्र के संक्रमण से बचाया जा सके। इंसानों के शरीर में सहज रूप से मिलने वाला हीमोफिल्स इन्फ्लुएंजा बैक्टीरिया असल में वक्त और हालात के मुताबिक अपना रूप बदलकर श्वसन तंत्र पर हमला बोल देता है।
इस दौरान क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस बैक्टीरिया को मारने का तरीका खोज लिया है। इससे भी खतरनाक बात यह है कि यह बैक्टीरिया अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की स्थिति को जानलेवा बना देता है। यहां तक कि इसकी वजह से कोविड के कुछ मरीज बहुत धीमी गति से ठीक हो पाते हैं।
इस दौरान अगर एलएलडीडी प्रोटीन को निष्क्रिय कर दिया जाए तो बैक्टीरिया भूखा रहकर खत्म होने लगेगा। शोध के दौरान ऐसा करने पर 99.9 फीसदी बैक्टीरिया खत्म हो गया था। शोधकर्ता जेनिफर होस्मर कहती हैं कि यह शोध गंभीर श्वसन संक्रमण वाले लोगों के लिए नए उपचार की दिशा में महत्वपूर्ण पहला कदम है।
इसकी मदद से भविष्य में हेमोफिलस सहित श्वसन पथ में अन्य रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया के इलाज और उन्मूलन के रास्ते खोजे जाएंगे, जिससे दुनियाभर में लाखों लोगों को श्वसन रोगों और संक्रमणों का इलाज मिल पाएगा।