नई दिल्ली। अगर आप यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (यूलिप) के जरिए निवेश करते हैं तो अब उससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्सेबल हो गया है। इनकम टैक्स विभाग ने अधिक प्रीमियम वाली यूनिट आधारित बीमा योजना (यूलिप) से प्राप्त रकम को कर योग्य बना दिया है। इसका उद्देश्य इसे म्यूचुअल फंड की तरह बनाना है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के वार्षिक प्रीमियम वाले यूलिप के संबंध में कैपिटल गेन की गणना के तौर-तरीकों को लेकर नियमों को अधिसूचित किया। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि बीते केंद्रीय बजट में यूलिप के संबंध में की गयी घोषणा को प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नियमों और दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है।
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 के वित्त अधिनियम के जरिये आयकर अधिनियम की धारा 10(10डी) में संशोधन किया गया, जिसके तहत एक फरवरी 2021 या उसके बाद जारी उस यूलिप के तहत प्राप्त रकम को छूट नहीं दी जाएगी। जिसमें किसी भी वर्ष के लिए देय वार्षिक प्रीमियम 2.50 लाख रुपये से अधिक है। उसने कहा कि यह प्रावधान म्यूचुअल फंड निवेश और यूलिप निवेश के बीच समान अवसर उपलब्ध करने के लिये लाया गया है।