नई दिल्ली। इस समय बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या हो गई है। खास बात यह है कि जनसंख्या के हिसाब से नौकरी के पद और उनका सृजन कर पाना भी बहुत कठिन काम बनता जा रहा है। हालांकि इससे निबटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से प्रयास भी किये जा रहे हैं लेकिन वह पूरी तरह से धरातल पर उतर नहीं पा रहा है।
लेकिन लगातार प्रयास जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी डेढ़ साल में दस लाख नौकरी देने की घोषणा की है। सभी विभाग मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा करने के बाद अपने-अपने मंत्रालयों को खाली पदों की जानकारी देंगे क्योंकि भर्ती करने का निर्देश दिया गया है।
मोदी सरकार की यह बड़ी और महत्वपूर्ण घोषणा है जिससे नौकरी पाने वालों को अवसर मिलेंगे। इसी तरह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक घोषणा की है जो सेना की सेवाओं में अपने ढंग की पहली योजना है। इसे ‘अग्निपथ’ योजना का नाम दिया गया है।
सेना के तीनों अंग में इसे लागू किया जाएगा। सेना की भर्ती प्रक्रिया में यह नया और बड़ा बदलाव है। रक्षामंत्री का कहना है कि सेनाओं में भर्ती होने वाले युवाओं को यह बड़ा तोहफा है। उन्होंने कहा कि काफी अध्ययन-मनन के बाद इस योजना को तैयार किया गया है।
इससे सेना और युवाओं दोनों को लाभ मिलेगा। यह योजना से देश की सेवा करने वाले युवाओं के लिए शुरू की गयी है। इसके तहत युवा सेना में चार वर्ष के लिए भर्ती होंगे। शार्ट टर्म सर्विस के लिए युवाओं की भर्ती होगी। देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए इसे शुरू किया जा रहा है।
रेजिमेण्ट का इसमें बंधन नहीं है। चार वर्ष बाद सैनिकों की समीक्षा की जाएगी। नौकरी छोड़ते समय उन्हें सेवा निधि पैकेज मिलेगा। पेंशन नहीं होगी। एक मुश्त धन दिया जाएगा। भर्ती होनेवाले सैनिक ‘अग्निवीर’ कहे जाएंगे। भर्ती किये जाने वाले ज्यादातर जवान चार साल बाद मुक्त कर दिये जाएंगे।
उन्हें आकर्षक वेतन और अन्य सुविधाएं, सेवाकाल में दी जाएंगी। प्रारम्भ में छह माह तक प्रशिक्षण का भी प्रावधान है। सरकार की यह योजना अवश्य अपने ढंग की नयी है लेकिन इसे अभी प्रयोग के तौर पर लेना होगा। सेना में अनुभव का भी बड़ा महत्व होता है। अब देखना यह है कि यह देश के युवाओं को कितना अच्छा लगता है और यह योजना कितनी फलीभूत होती है।