योग। वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रही कई सारी गंभीर बीमारियों के लिए जीवनशैली की निष्क्रियता को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जाता है। दिनचर्या में योग-व्यायाम को शामिल करके शारीरिक सक्रियता और फिटनेस को ठीक रखने में मदद मिल सकती है। इसके लिए विशेषज्ञ सभी को रोजाना योगाभ्यास करते रहने की सलाह देते हैं। इसके लिए आप रोजाना ब्रिज पोज योग यानी कि सेतुबंधासन योग का अभ्यास कर सकते हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी आयु के लोग इस योग का अभ्यास करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कमर-रीढ़ से लेकर पैरों और जांघों के लिए इस योगाभ्यास को काफी फायदेमंद माना जाता है। ब्रिज पोज शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को ठीक बनाए रखने में सहायक अभ्यास हो सकता है। आइए जानें इस योग के तरीके और इससे होने वाले फायदे-
ब्रिज पोज करने का तरीका :-
सेतुबंधासन योग आसान है पर अगर आप पहली बार इसे करने जा रहे हैं तो इसके बारे में किसी विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले लें। इस योग को करने के लिए सबसे पहले मैट पर लेट जाएं। धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं। अब कमर को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। कुछ देर के लिए इस स्थिति में सांस को रोककर रखें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
ब्रिज पोज योग करने के फायदे:-
ब्रिज पोज योग का नियमित अभ्यास शरीर के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो सकता है। शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को ठीक रखने के साथ शरीर की सक्रियता बढ़ाने और मांसपेशियों-हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रोजाना इस योग के अभ्यास की आदत बनाएं।
- पीठ, ग्लूट्स, टांगों और टखनों को मजबूत बनाता है।
- छाती, हृदय और कूल्हे की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में सहायक है।
- छाती, गर्दन, कंधों और रीढ़ की स्ट्रेचिंग हो जाती है जिससे इन अंगों में दर्द की समस्या कम को कम किया जा सकता है।
- मन को शांत करने, तनाव और अवसाद के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- पेट, फेफड़े और थायराइड केअंगों को उत्तेजित करता है।
ब्रिज पोज योग से संबंधित सावधानियां :-
ब्रिज पोज योग के संदर्भ में जिन लोगों को गर्दन में चोट या दर्द रहती है, पीठ के निचले हिस्से में दर्द या घुटने में दर्द की समस्या है, उन्हें इसके अभ्यास से बचना चाहिए। आसन के बारे में जानकारी के लिए पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।