स्कूलों में अब बच्चों को मिलेगी शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा

नई दिल्ली। सरकारी से लेकर निजी स्कूलों को पढ़ाई के साथ छात्रों को शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा देनी होगी। दरअसल केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत नई स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी गाइडलाइन दृष्टि तैयार की है। यह सात बुनियादी चरणों यानी प्रसार, रोल-आउट, हस्तक्षेप, समर्थन, हैंडहोल्डिंग, ट्रैकिंग व प्रोत्साहन पर काम करेगी। नियमों का पालन नहीं करने और लापरवाही पर जुर्माने से लेकर मान्यता रद का प्रावधान है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सुयंक्त सचिव संतोष कुमार यादव की ओर से सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के अलावा सीबीएसई बोर्ड समेत प्रदेश शिक्षा बोर्ड को नई स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी गाइडलाइन भेजी गयी हैं। मंत्रालय ने राज्यों को लिखा है कि नई गाइडलाइन को वर्तमान गाइडलाइन के साथ लागू किया जाएगा। सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं कि गाइडलाइन ठीक से लागू हों। जब कोई बच्चा स्कूल में होता है, तो स्कूल का एक बच्चे पर वास्तविक नियंत्रण होता है। यदि कोई स्कूल जानबुझकर बच्चे की उपेक्षा करता है, तो बच्चे को अनावश्यक मानसिक, शारीरिक पीड़ा बनने की संभावना है। यह किशोर न्याय अधिनियम 2015 के उल्लंघन के रूप में माना जा सकता है।

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