फ्लेक्स-फ्यूल व्हीकल्स गाड़ियों का प्रोडक्शन करे शुरू: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन निर्माता कंपनियों को फ्लेक्स- फ्यूल व्हीकल्स (एफएफवी) इंजन वाली गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू करने को कहा और वाहन निर्माताओं को 6 महीने का समय दिया गया। बीएस-6 तकनीक पर आधारित फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स और फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का उत्पादन शुरू होने से देश को कई मोर्चो पर एक साथ लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सोमवार को सिलसिलेवार कई ट्वीट करते हुए लिखा कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विचार को मूर्त रूप देने और सरकार की नीति के अनुरूप परिवहन के लिए एथेनॉल को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

इसके अंतर्गत बनने वाले फ्लेक्स फ्यूल वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल मिश्रण के साथ ही स्ट्रॉंग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक पर भी चलने में सक्षम होंगे। हमारी सरकार जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम से कम करने के लिए विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों के उपयोग के विकल्पों का पता लगा रही है और साथ ही नीति आयोग ने एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के मजबूत ढांचे को महत्व देते हुए 2020-2025 की अवधि के लिए इथेनॉल मिश्रण पर एक रोड मैप भी तैयार किया है। गडकरी ने कहा कि इससे भारत को वाहनों से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी और साथ ही भारत को 2030 तक अपने कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने की कॉप 26 में की गई प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे बताया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार यह निर्धारित किया गया है कि पारंपरिक ईंधन के सभी अधिकृत विक्रेताओं को अपने केंद्र पर सीएनजी, बायो फ्यूल, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग पॉइंट इत्यादि में से कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन की बिक्री की सुविधा भी स्थापित करने की आवश्यकता है। अगले पांच वर्षों में गैसोलीन में इथेनॉल के मिश्रण में बड़ा उछाल आएगा, जिसके लिए फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों की उपलब्धता की आवश्यकता होगी।

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