यात्रा। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी ट्रैक 1 जून से खुल गया है। यह खुशखबरी फूलों की घाटी में भ्रमण करने वाले पर्यटकों के लिए है। यहां भ्रमण करने आये लोग फूलों की खुशबू का सुखद आनंद ले सकते हैं।
नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में स्थित फूलों की घाटी कुछ रंगीन व अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से बसी पड़ी है। घाटी में फूलों की खुशबू के साथ ही पक्षियों व जानवरों की अच्छी खासी संख्या देखी जा सकती है।
घाटी में आप बेहद खूबसूरत नजारे देख सकते हैं। यह खूबसूरत जगह अल्पाइन फूलों के आकर्षक घास के मैदानों, जानवरों और जीवों की समृद्धि और बर्फ से ढकी चोटियों के अद्भुत नजारों के लिए फेमस है। ट्रैक कुछ घने जंगलों से होकर गुजरता है
और पुष्पावती नदी के किनारे ले जाता है। रास्ते में कई खूबसूरत पुल, ग्लेशियर और झरने भी देखने को मिलते हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। ये ट्रैक 31 अक्टूबर को बंद हो जाएगा।
उत्तराखंड के वैली ऑफ फ्लॉवर घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। आपको बता दें कि यहां फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, प्राइमुलस, जेरेनियम, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल आदि शामिल हैं।
लेकिन यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। यहां के तरह-तरह के आकर्षक फूल इस जगह को घूमने लायक जगहों में से एक बनाते हैं।
फूलों की घाटी तक पहुंचने का आसान तरीका:- इस साल 1 जून से ये वैली पर्यटकों के लिए खोली गयी है। राजधानी दिल्ली से ऋषिकेश के बीच की दूरी आप बस से तय कर सकते हैं। आपको सबसे पहले गोविंदघाट पहुंचने के लिए प्राइवेट वाहन मिल जाएगा।
गोविंदघाट के बाद घांघरिया तक का सफर आप ट्रेकिंग, घोड़े, हेलिकॉप्टर से तय कर सकते हैं। आप अगर ट्रेक कर घांघरिया पहुंचना चाहते हैं, तो सुबह आठ बजे से पहले ट्रेकिंग शुरू कर दें।
फूलों की घाटी में कैसे लें एंट्री:- दोपहर 2 बजे के बाद वैली में एंट्री नहीं मिलती है। इंडियन नेशनल्स के लिए टिकट की कीमत 150 रुपए है, जिसकी वैलिडिटी 3 दिन तक रहती है। नेशनल पार्क से एग्ज़िट करने का समय शाम पांच बजे का है।