पैरेंटिंग। अक्सर यह देखने को मिलता है कि बच्चे बदलते मौसम में बीमार पड़ जाते हैं और उनका स्कूल, खेलकूद आदि का रुटीन प्रभावित हो जाता है। बार-बार बीमार पड़ने की वजह से वे हर चीज में पीछे होने लगते हैं और उनका आत्मविश्वास भी घटने लगता है। ऐसे में यदि आप अपने बच्चों को पर्सनल हाइजीन मेंटेन रखने के तरीके सिखा दें। इससे काफी परेशानियां दूर हो सकती हैं। यहां हम बता रहे हैं कि आप अपने बच्चों को कौन सी पर्सनल हाइजीन हैबिट जरूर सिखाएं, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ अपना ख्याल खुद भी रख सकें और बीमारियों से बचा रहें।
हाथों की सफाई
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार किसी भी तरह का बैक्टीरिया या वायरस हाथ के सहारे ही चेहरे या मुंह तक पहुंचता है। ऐसे में आप अगर बच्चे को रेगुलर हाथ धोने की आदत डाल दें तो इससे वे बीमारियों से बच सकते हैं। आप बच्चे को बताएं कि वे हाथों को 20 सेकेंड तक साबुन से साफ करने के बाद ही खाना खाएं। इसके अलावा, जब भी हाथ गंदा हो, टॉयलेट से आने के बाद, किसी जानवर को छूने के बाद, खांसते या छींक से हुए गंदे हुए हाथों को साबुन से अवश्य धोएं।
डेली नहाना
आप बच्चे को रोज नहाने की आदत जरूर डलवाएं। बेहतर होगा कि वह सुबह या रात में सोने से पहले जरूर अच्छी तरह साबुन लगाकर नहाए। इसके अलावा, बताएं कि नहाते वक्त किन जगहों पर खास सफाई आवश्यक होता है। मसलन, अंडर आर्म, जेनिटल एरिया, उंगलियों के बीच, प्राइवेट पाट्स आदि। नहाने के बाद अच्छी तरह से खुद को ड्राई करना भी जरूरी है
दांतों की सफाई
बच्चों को दिन में दो बार दांतों की सफाई करने की आदत भी डालना जरूरी है। इसके अलावा पेरेंट्स को तब तक दांतों की सफाई में मदद करनी चाहिए जब तक कि बच्चा 7 वर्ष का ना हो जाए। कम से कम 2 मिनट तब दांतों को अच्छी तरह से ब्रश व टूथपेस्ट से साफ करें।
कपड़े और जूते की सफाई
अपने बच्चों को साफ कपड़े पहनने की आदत डालना सिखाएं। जब भी वे बाहर से आएं तो अपने कपड़े बदलें और लाउंड्री जरूर करें। गंदे मोजे, अंडरवियर आदि को रोज साफ करने के बाद ही पहनें। रोज धुले कपड़े पहनना भी जरूरी है।
जूते बाहर खोलना
बच्चों को सिखाएं कि जब भी वे बाहर से घर में आएं तो जूते उतारकर घर में आएं। ऐसा करने से घर में बाहर के बैक्टीरिया नहीं आएंगे। ये आदत उन्हें जीवन भर याद रहेगी और वे घर को बैक्टीरिया फ्री रखना सीख जाएंगे।