हेल्थ। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से मजबूत होना चाहिए। जब हम मानसिक रूप से कमजोर होते हैं तो इसका असर हमारे जीवन के हर क्षेत्र में पड़ता है। कई बार मानसिक परेशानियां इतनी ज्यादा बढ़ जाती हैं कि लोग खुद को नुकसान पहुंचाने लगते हैं।
खुद को नुकसान पहुंचाना कोई आम बात नहीं है। इसे किसी भी तरह से सामान्य नहीं समझना चाहिए। सेल्फ हॉर्म मानसिक पीड़ा या फिर मानसिक रूप से कमजोर होने का एक सबसे बड़ा लक्षण हैं। मानसिक रूप से कमजोर लोग कई बार बहुत गंभीर तरह से भी खुद को नुकसान पहुंचा लेते हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह होती है उन्होंने जिस तरह की परिस्थितियों का सामना किया।
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर:-
सीमा रेखा वह मानसिक बीमारी हो किसी व्यक्ति में भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को विशेष रूप से प्रभावित करती है। इससे पीड़ित लोगों का व्यवहार काफी बढ़ जाता है। इस बीमारी की वजह से अधिकांश लोग दूसरे के साथ अपने संबंध को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। ऐसे लोग तेज होते हैं हर समय उनमें अनिश्चितता का भाव रहता है। ऐसे लोग हमेशा लापरवाही के साथ कार्य करते हैं। भावनात्मक, शारीरिक या फिर यौन शोषण के शिकार होने की वजह से अधिकांश लोग इससे पीड़ित होते हैं। ऐसे लोग अक्सर खुद को नुकसान पहुंचाते हैं।
डिप्रेशन:-
आज डिप्रेशन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आज यह सबसे आम मानसिक बीमारी बन चुकी है। आपको अपने आस-पास कई ऐसे लोग नजर आ जाएंगे जो इससे पीड़ित चल रहे हैं। डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति भी अक्सर अपने आप को नुकसान पहुंचाने लगता है। डिप्रेशन कई बार दूसरी गंभीर बीमारियों को भी जन्म दे देता है। व्यवहार में चिड़चिड़ापन आना, हमेशा उदास रहना, बेचैनी होना, हमेशा निराश रहना, थकान महसूस करना, किसी काम में मन न लगना, नींद न आना ये सभी लक्षण डिप्रेश को दर्शाते हैं।
तनाव:-
किसी भी तरह का तनाव मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। चिंता आपके मानसिक स्वास्थ्य को इस तरह से प्रभावित करती है कि कई बार आप खुद को भी नुकसान पहुंचाने लगते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह आपके पूरे जीवन को प्रभावित करती है। चिड़चिड़ापन, बेचैनी, एकाग्रता की कमी, लगातार विचार करना, बुरी ख्याल आना, नींद न आना तनाव में रहने के संकेत हैं।
पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रैस डिसऑर्डर:-
पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), एक मेंटल डिसऑर्डर है। इससे पीड़ित व्यक्ति अपने साथ पहले हुई घटनाओं से परेशान होकर वर्तमान में प्रतिक्रिया देता है। ऐसी मानसिक बीमारी की वजह से व्यक्ति को बार बार अपनी पुरानी बातें याद आती है और वह उनसे परेशान होकर खुद को नुकसान पहुंचाता है। इस तरह के लोगों का व्यवहार चिड़चिड़ापन होता है। इन्हें चीजें याद रखने में पेरशानी होती है और साथ ही बुरे सपने भी आते हैं।