यात्रा। यूपी की सबसे पवित्र शहर में शामिल काशी की चर्चित और पवित्र मंदिरों में हर दिन लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वाराणसी में मौजूद अन्य ऐतिहासिक जगहें भी बेहद प्रसिद्ध हैं। लेकिन इस नगरी में मौजूद डरावनी जगहों के बारे में आप जानते हैं? इस शहर में ऐसी कई डरावनी जगहें हैं जहां रात तो छोड़ दीजिए कई लोग दिन के उजाले में भी जाने से डरते हैं।
मणिकर्णिका घाट:-
वाराणसी में मौजूद डरावनी जगहों में मणिकर्णिका घाट एक ऐसी जगह जहां हर दिन कई लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस घाट को लेकर यह कहानी है कि यहां रात के समय आत्माएं टहलती रहती हैं। जो भी व्यक्ति वाराणसी घूमने जाता है वो कभी भी रात के समय यहां अकेले घूमने के लिए नहीं पहुंचता है। कई लोगों का मानना है यह घाट आत्माओं का घर भी है।
राजघाट पुल:-
वाराणसी में छोटे और बड़े ब्रिज मिलाकर दर्जन से भी अधिक पुल है, लेकिन जिस ब्रिज का बार-बार जिक्र होता है उसका नाम राजघाट पुल है। गंगा नदी पर निर्मित यह पुल कई सारी डरावनी कहानियों के लिए आसपास की जगहों में फेमस है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि आधी रात को इस पुल पर कोई जानवर दौड़ लगाता है और अचानक ही वो मानव में परवर्तित हो जाता है। कई लोगों का माना है कि इस ब्रिज पर कई अचानक घटनाएं घटी हैं जिसके बारे में सुनकर लोगों की रुह कांप जाती है।
बीएचयू मेडिकल सेंटर:-
बीएचयू के बारे में तो लगभग हर कोई जनता है। यह भारत के फेमस विश्वविद्यालय में से एक है। लेकिन बीएचयू मेडिकल सेंटर एक नहीं बल्कि कई डरावनी कहानियों के लिए फेमस है। स्थानीय लोगों का मानना है कि मेडिकल सेंटर के पीछे ऐसी कई गतिविधियों को देखा गया है जो किसी डरावनी कहानी से कम नहीं। कई लोगों का मानना है कि रात के समय यहां दो आत्मा पहरेदारी करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि रात के समय मेडिकल सेंटर के पीछे से चिल्लाने की आवाज आती रहती है और डर के चलते कोई नहीं जाता है।
चेत सिंह फोर्ट:-
लगभग 18 वीं शताब्दी के आसपास निर्मित चेत सिंह फोर्ट भी वाराणसी की डरावनी जगहों में शामिल है। इस फोर्ट के बारे में कहा जाता है कि सूरज ढलते ही यहां मधुर आवाज आने लगती है, लेकिन जब कोई पुकारता है तो आवाज नहीं आती है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति इस फोर्ट की रखवाली करता था आज भी उसकी आत्मा इसी फोर्ट में घूमती रहती है। कई लोगों का मानना है कि इस फोर्ट में ऐसे कई सुरंग थे जहां मृत शरीर को फेंक दिया जाता था।