योग। पिछले कुछ वर्षों में थायराइड विकारों की समस्या तेजी से बढ़ती हुई दर्ज की जा रही है। विशेषकर भारतीय महिलाओं में इस बीमारी के मामले काफी अधिक देखे गए हैं। थायराइड कुछ विशिष्ट हार्मोन के साथ मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रित करता है। थायराइड, तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गर्दन में स्थित होती है। थायरॉयड ग्रंथि द्वारा उत्पादित हार्मोन- ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। चूंकि यह सीधे तौर पर मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं ऐसे में थायराइड विकारों के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी के कारण थायराइड विकारों का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप भी थायराइड की समस्या के शिकार हैं तो दिनचर्या में प्राणायाम आसनों को शामिल करके लाभ पा सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास न सिर्फ आपको मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने में सहायक हो सकता है। आइए जानते हैं थायराइड की समस्या में किस प्रकार के योगासनों को फायदेमंद माना जाता है?
कपालभाति का अभ्यास:-
कपालभाति प्राणायाम को थायराइड के रोगियों के लिए है फायदेमंद माना जाता है। थायराइड ग्रंथि के कार्यों को बेहतर बनाए रखने के साथ इसके दुष्प्रभावों को कम करने में इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से लाभ मिल सकता है। मन को एकाग्र करने और हृदय की समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करना काफी लाभकारी योगासनों में से हो सकता है।
उज्जयी प्राणायाम:-
उज्जयी प्राणायाम का अभ्यास सांस लेने की बेहतर तकनीक है जो हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म, दोनों ही तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में विशेष लाभकारी होती है। यह सांस लेने की तकनीक थायराइड ग्रंथि को ट्रिगर करती है जिससे हार्मोन्स के उत्पादन में संतुलन बना रहता है। जिन लोगों को थायराइड विकारों की समस्या है उन्हें नियमित रूप से इस अभ्यास से लाभ मिल सकता है।
इन योगासनों से भी मिलता है लाभ:-
प्राणायाम के साथ-साथ दिनचर्या में कुछ प्रकार के योगासनों को शामिल करके भी आप थायराइड की समस्या में लाभ पा सकते हैं। इसके लिए उन आसनों के नियमित अभ्यास की आदत बनानी चाहिए जो गले के इस हिस्से को उत्तेजित करने के साथ थायराइड ग्रंथि के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद कर सके। मत्स्यासन योग, लेग-अप-द-वॉल पोज, मार्जरी आसन, नौकासन और भुजंगासन जैसे योग के नियमित अभ्यास से भी थायराइड की समस्या को कम करने में लाभ पाया जा सकता है।