योग। पाचन स्वास्थ्य का ठीक रहना शरीर के बेहतर ढंग से काम करने के लिए काफी आवश्यक माना जाता है। भोजन के पाचन से लेकर पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण तक में पाचन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हालांकि कई कारणों से लोगों का पाचन स्वास्थ्य काफी गड़बड़ होता देखा जा रहा है। पाचन से संबंधित कई तरह की बीमारियों का निदान किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि, जिन लोगों का पाचन स्वास्थ्य ठीक नहीं होता है उनमें कई तरह की अन्य समस्याओं का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है, इसलिए सभी लोगों को इस दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
यदि हम अपने दिनचर्या में योगासनों को शामिल कर लेते हैं तो पाचन से संबंधित कई तरह की समस्याओं के जोखिम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। योगासन, पेट की अंगों की मालिश करने के साथ उनके कार्यों को आसान बनाते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाकर लिवर, आंत और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है जो पाचन क्रिया को ठीक बनाए रखने में विशेष भूमिका निभा सकते हैं। आइए जानते हैं कि पाचन को ठीक बनाए रखने के लिए किन योगासनों की आदत बनाना आपके लिए लाभदायक हो सकता है?
पश्चिमोत्तासन योग का अभ्यास:-
पेट की कई तरह की समस्याओं से राहत पाने के लिए पश्चिमोत्तासन योग का अभ्यास करने को विशेषज्ञ काफी लाभकारी मानते हैं। पश्चिमोत्तासन को गैस और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करने वाला अभ्यास माना जाता है। पेट की चर्बी को कम करने के साथ पेट के अंगों की मालिश करने के लिए इस योग के अभ्यास की आदत बनाना काफी फायदेमंद माना जाता है। पश्चिमोत्तासन योग हर उम्र के लोग कर सकते हैं।
पवनमुक्तासन योग की बनाइए आदत:-
पेट की तमाम तरह की समस्या जैसे- गैस, कब्ज और अपच आदि की दिक्कतों से राहत दिलाकर पाचन को आसान बनाने के लिए पवनमुक्तासन योग विशेष लाभकारी माना जाता है। आपके पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करने के साथ पेट से संबंधित कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए पवनमुक्तासन योग की आदत बनाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
बालासन योग मुद्रा:-
बालासन या चाइल्ड पोज के अभ्यास की आदत पेट, पीठ और कमर की समस्याओं से राहत दिलाने में काफी कारगर मानी जाती है। दिमाग को शांत करने के साथ यह योग मुद्रा आपकी जांघों, कूल्हों और लसीका तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। बालासन योग पाचन तंत्र को ठीक रखने और लिवर-किडनी की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए सबसे प्रभावी अभ्यास माना जाता है।