पर्यटक अब सियाचिन बेस कैंप तक की कर सकेंगे सैर
जम्मू-कश्मीर। देश भर के पर्यटक अब सियाचिन बेस कैंप तक की सैर कर सकेंगे। सुरक्षा कारणों के चलते विदेशी पर्यटकों के आने की मनाही होगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह शुरुआत की गई है। विश्व पर्यटन दिवस पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह के मुख्य कार्यकारी पार्षद ताशी ग्यालसन ने पहले दल को सियाचिन बेस कैंप के लिए रवाना किया। इस अवसर पर सांसद जाम्यांग सेरिंग नामग्याल भी मौजूद रहे। लद्दाख पर्यटन विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सियाचिन बेस कैंप को घरेलू पर्यटकों के लिए खोलने की जानकारी दी गई है। लद्दाख में भारत-पाकिस्तान एलओसी से सटे सियाचिन ग्लेशियर को विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र कहा जाता है। हालांकि ग्लेशियर के शिखर से बेस कैंप काफी दूर है। लेकिन साहसिक पर्यटन प्रेमियों के लिए बेस कैंप तक आने की अनुमति बड़ी राहत होगी। सुरक्षा कारणों से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए बंद किए गए लद्दाख के कई अग्रिम इलाकों से पाबंदियां हटा दी गई हैं। एलओसी से सटी कारगिल की मश्को घाटी से लेकर लेह जिले में चीन से सटी एलएसी के पास कई गांवों में पर्यटन बहाल होगा। एलएसी के पास चुशुल, पैंगोंग झील से सटे मन-मेरक लोमा, सागा ला और हनले तक घरेलू पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बिना इनर लाइन परमिट के आवाजाही की अनुमति होगी। लद्दाख संस्कृति सचिव के महबूब अली खान की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन गांवों में अब घरेलू पर्यटक व स्थानीय लोग बिना रोक-टोक के आवाजाही कर सकेंगे।