तुलसी का पूजन करने से बनी रहती है मां लक्ष्मी की कृपा…

वास्तु। वास्तु शास्त्र बहुत ही प्राचीन शास्त्र है। इसमें जीवन को सुखी और संपन्न बनाने के लिए बहुत से नियम व महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। वास्तु में दिशाओं और ऊर्जा का बहुत महत्व बताया गया है। वास्तु कहता है कि यदि घर में की किसी दिशा में दोष हो या गलत निर्माण किया गया हो तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। इसका प्रभाव आपके पारिवारिक जीवन से लेकर कार्यक्षेत्र तक पर पड़ने लगता है। जिसके कारण आपके घर में कलह-क्लेश और आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से रूपये-पैसों से संबंधित समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। आज के समय में लोगों का रहन-सहन व घरों का आकार बदल गया है, लेकिन पहले के समय में हिंदू धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोगों के घरों के आंगन में तुलसी का पौधा जरूर लगा होता था। महिलाएं प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नियमित रूप से तुलसी की पूजा करती थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसी के साथ वास्तु में भी तुलसी का बहुत महत्व माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि तुलसी को सही स्थान और सही दिशा में लगाया जाए तो घर में सकारात्मकता का वास होता है व वास्तु दोष दूर करने में भी तुलसी सहायक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की बालकनी की उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी के पांच पौधे लगाने चाहिए। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। आज के समय में जगह की कमी होने के कारण लोग अपनी छत के सबसे ऊपर तुलसी लगा देते हैं लेकिन वास्तु के अनुसार यह सही नहीं माना जाता है, इससे आपको धन हानि उठानी पड़ सकती है। यदि आपके घर में कोई खराब नल है जिससे हर समय पानी टपकता रहता है, तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए, क्योंकि उससे पानी की बर्बादी तो होती ही है इसी के साथ आपके घर में रूपये-पैसों की कमी भी होने लगती है। वास्तु शास्त्र में हरे-भरे पौधे लगाना बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, लेकिन घर में कांटेदार या फिर दूध निकलने वाले पौधे नहीं लगाने चाहिए। इसी के साथ नकली पौधे भी लगाने से बचें। घर में हवा और सूर्य की रोशनी का उचित प्रबंध होना चाहिए, इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, साथ ही रोगों के पनपने की आशंका भी बहुत कम हो जाती है।

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