Twitter: पराग अग्रवाल की ज्वाइनिंग के बाद बदले कई कर्मचारियों के पद…
नई दिल्ली। हाल ही में पराग अग्रवाल ने ट्विटर के सीईओ के पद का कार्यभार संभाला है। पराग अग्रवाल ने ट्विटर के फाउंडर जैक डॉर्सी की जगह ली है। पराग अग्रवाल के सीईओ बनने के बाद से ही लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सीईओ का पद संभालते ही सबसे बड़ा बदलाव फेक या बॉट फॉलोअर्स के खत्म होने को लेकर देखने को मिला है। हाल ही में करोड़ों लोगों के लाखों फॉलोअर्स एक रात में कम हुए हैं, हालांकि कई लोगों के फॉलोअर्स वापस भी आए हैं। अब खबर है कि पराग के आने के बाद Twitter के मैनेजमेंट में भी उथल-पुथल हो रही है। ट्विटर डिजाइन और रिसर्च को देखने वाले डैंटले डेविस के कंपनी छोड़ने की खबर है। इसकी जानकारी ट्विटर के इंजीनियरिंग प्रमुख माइकल मोंटानो ने एक नियामक फाइलिंग में दी है। वहीं ट्विटर के अन्य तीन अधिकारियों को जेनरल मैनेजर बनाया गया है। डेविस 2019 में ट्विटर से जुड़े थे। इससे पहले मेटा (फेसबुक) में काम कर रहे थे। पराग अग्रवाल की ज्वाइन से पहले ट्विटर में जेनरल मैनेजर की कोई पोस्ट नहीं थी, बल्कि इन्हें वाइस प्रेसिटेंड कहा जाता था। नए बदलाव के बाद कायवन बेकपोर को कंज्यूमर प्रोडक्ट का जेनरल मैनेजर, ब्रूस फाल्क को रेवेन्यू प्रोडक्ट का जेनरल मैनेजर और निक कैल्डवेल को कोर टेक का जेनरल मैनेजर बनाया गया है। निक पराग अग्रवाल की जगह लेंगे। ट्विटर ने अपनी फाइलिंग में कहा है कि यह बदलाव बढ़ी हुई जवाबदेही और प्लेटफॉर्म के बेहतर संचालन के लिए किया गया है। ट्विटर ने कहा है कि सीईओ बदलने के बाद कंपनी में शीर्ष अधिकारियों में फेरबदल होना आम बात है। ट्विटर के फाउंडर जैक डॉर्सी पिछले 16 सालों से कंपनी को संभाल रहे थे। इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और नए सीईओ के रूप में पराग अग्रवाल के नाम का एलान किया। पराग अग्रवाल 2011 में ट्विटर के साथ जुड़े थे। इससे पहले वह याहू और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। अग्रवाल आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है।