टाइप-2 डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक हैं यह योगासन…
स्वास्थ्य। मधुमेह दुनियाभर में तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। डायबिटीज को मुख्यरूप से दो प्रकार का माना जाता है, टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-2 डायबिटीज को अपेक्षाकृत अधिक गंभीर होता है। शुगर की इस स्थिति में शरीर में इंसुलिन का स्तर प्रभावित हो जाता है। बहुत अधिक शुगर बढ़ जाने की स्थिति को सेहत के लिए काफी गंभीर माना जाता है। ऐसी स्थिति में किडनी, लिवर, आंख, हृदय जैसे कई अंगों को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टरों की मानें तो डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए दवाइयों के साथ अन्य उपायों को प्रयोग में लाते रहना भी आवश्यक होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, योग के माध्यम से टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। कई योग इतने प्रभावी हैं कि इनका नियमित रूप से अभ्यास करना शरीर में इंसुलिन का स्तर को ठीक करने में कारगर पाया गया है। आइए आगे की स्लाइडों में टाइप-2 डायबिटीज रोगियों के लिए ऐसे ही कुछ कारगर योगासनों के बारे में जानते हैं। तनाव कम करने का प्रयास:- अध्ययनों से पता चलता है कि तनाव की स्थिति, मधुमेह के खतरे को बढ़ा देती है, यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों को तनाव के स्तर को प्रबंधित करने वाले उपाय करने की सलाह दी जाती है। साल 2013 के एक अध्ययन में पाया गया है कि योग, तनाव के स्तर को कम करने में मदद करने के साथ ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में भी विशेष सहायक हो सकते हैं। डायबिटीज के रोगियों को रोजाना ध्यान और योगासन जरूर करने चाहिए। माउंटेन पोज:- डायबिटीज रोगियों के लिए माउंटेन पोज यानी ताड़ासन योग को काफी लाभदायक माना जाता है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले एकदम सीधे खड़े हो जाएं, हाथों को एकदम सीधा रखें। गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए स्ट्रेच करें। शरीर का भार पैर की उंगलियों पर रखें। कुछ सेकेंड्स के लिए इस स्थिति में रहें। चाइल्ड पोज योगासन:- डायबिटीज की जटिलताओं को कम करने के लिए चाइल्ड पोज यानी बालासन योग को काफी लाभदायक माना जाता है। इस योग को करने के लिए मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। अब श्वास अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के उपर उठा लें। श्वास बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और हथेलियों और सिर को ज़मीन पर टिकाएं। लंबी श्वास अंदर लें और बाहर छोड़ें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें। कपालभाति प्राणायाम:- मधुमेह रोगियों के लिए कपालभाति प्राणायाम का रोजाना अभ्यास विशेष लाभप्रद माना जाता है। कपालभाति प्राणायाम, शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के साथ कई प्रकार की जटिलताओं को कम करने में सहायक होता है। इस आसन को करने के लिए भी सबसे पहले शरीर को एकदम से सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक में बैठ जाएं। इसके बाद एक गहरी श्वास लें। अब इसे नाक से तेजी से छोड़ें, इसमें झटके से पेट को अंदर की ओर ले जाएं। सांस छोड़ते समय नाक से छक की आवाज़ होगी।