Winter Yoga: जैसे ही ठंड की शुरुआत होती है, हवा में हल्की ठिठुरन महसूस होने लगती है और साथ ही गले में खराश, छींकें या बदन दर्द जैसी परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं. ऐसे समय में रोजाना योग करना शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में बड़ा सहायक माना जाता है. योग शरीर के अंगों तक बेहतर ऑक्सीजन पहुंचाने, फेफड़ों की क्षमता सुधारने और रक्त संचार को सक्रिय बनाए रखने में मदद करता है.आयुष मंत्रालय भी मानता है कि नियमित योगाभ्यास प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी को बेहतर करने का आसान तरीका है. आइए जानें कुछ ऐसे योगासन, जो सर्दी–जुकाम में राहत देने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
कपालभाति प्राणायाम
सर्दियों में कपालभाति प्राणायाम करने से कफ और जमाव कम करता है और सर्दी-जुकाम की रोकथाम करता है.सीधे बैठें, गहरी सांस लें और पेट को अंदर की ओर खींचते हुए सांस को जोर से बाहर छोड़ें. यह प्राणासाम श्वसन तंत्र की सफाई करता है, टॉक्सिन्स निकालता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
सर्दी में अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से जकड़ी हुई नाक और ठंड से प्रभावित साइनस को आराम देता है. इस आसन से नासिका मार्ग खुलता है. ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है और मस्तिष्क को शांत करता है. अभ्यास के लिए दाएं नथुने को बंद कर बाएं से सांस लें, फिर बाएं बंद कर दाएं से छोड़ें.
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम ठंड से होने वाली सुस्ती और एलर्जी दूर करता है. यह आसन शरीर में गर्मी पैदा करता है और ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है. अभ्यास के लिएगहरी और तेज़ सांस लें-छोड़ें, जैसे फूंक मारने की गति हो.
उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम करने से ठंड में ठिठुरन से बचाने में मददगार और हार्मोन बैलेंस करता है. यह प्राणायाम शरीर को गर्म रखता है और थायरॉयड ग्लैंड को सक्रिय करता है. इसके अभ्यास के लिए गले से हल्की आवाज के साथ धीरे-धीरे सांस लें और बाहर छोड़ें.
हलासन
जब पैरों को सिर के पीछे ले जाया जाता है, तो इससे रीढ़, नसों और मांसपेशियों में गहरा स्ट्रेच मिलता है. यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में सहायक होता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वाभाविक रूप से मजबूत होती है. तनाव कम करने में भी यह आसन लाभदायक माना जाता है.
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