MP News: मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों को बड़ी सौगात मिली है. राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों के स्टूडेंट को फ्री पुस्तकें और बैग देगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के खिरकिया में ये ऐलान किया. स्कूली बच्चों को अगले सत्र से ये सुविधाएं मिलेंगी. सीएम ने कहा कि प्राइवेट स्कूल के शिक्षा के अधिकार अधिनियम आरटीई से लाभान्वित बच्चों को पुस्तकें और बैग दिए जाएंगे. उन्होंने शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत 8.45 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति की राशि प्राइवेट स्कूलों को अंतरित की. सीएम मोहन यादव ने आरटीई को बच्चों की बेहतर शिक्षा और भविष्य की सुरक्षा करार दिया. इस मौके पर उन्होंने हरदा जिले में अनेक विकास कार्यों की सौगात भी दी.
स्वास्थ्य केंद्र की भी होगी स्थापना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज खिरकिया, जिला हरदा में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता कर विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम स्थल पर पौधा भी रोपा. सीएम ने घोषणा की कि हरदा जिले में प्रयोगशाला, स्कूल भवन, जनजातीय छात्रावास के साथ 11 केवी सब स्टेशन, नवीन जनपद भवन और तीन करोड़ की लागत से स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाएगी. साथ ही मुख्यमंत्री ने हरदा से आशापुर 71 किलोमीटर रोड निर्माण की घोषणा की.
MP के 19 लाख बच्चे को मिला लाभ
दरअसल, शिक्षा का अधिकार अधिनियम में गैर-अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को उनके नजदीक के विद्यालय में प्रथम प्रवेशित कक्षा की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश का प्रावधान है. वर्तमान में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में लगभग 8 लाख 50 हजार बच्चे अशासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. वहीं राज्य में साल 2011-12 से अब तक इस प्रावधान के तहत 19 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. राज्य सरकार द्वारा अब तक 3 हजार करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति की जा चुकी है.
युवाओं की शक्ति पहचानने का मौका‘
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आदिकाल से हमारे सामने कई उदाहरण हैं. महर्षि विश्वामित्र ने भविष्य को गढ़ने के लिए राजा दशरथ से भगवान राम और लक्ष्मण को मांगा. इस पर राजा दशरथ ने कहा कि राक्षसों के निपटने के लिए मैं आपको सेना देता हूं, लेकिन महर्षि वशिष्ठ ने कहा कि मुझे आपके राजकुमार ही चाहिए. इसके बाद वे दोनों बच्चों को बिना किसी सुविधा के जंगल ले गए. उन्होंने जंगल की कठिनाइयां और ऋषि-मुनियों के हड्डियों के ढेर दिखाकर राजकुमारों का पौरुष जगाया. यहीं से भगवान राम का श्री राम बनने की ओर अग्रसर होते हैं. जब दोनों बच्चों की धाक बन जाती है तो महर्षि विश्वामित्र उन्हें मां सीता के स्वयंवर के लिए राजा जनक के दरबार ले जाते हैं. यहां भगवान श्री राम ने महादेव का धनुष तोड़कर दुनिया में डंका बजाया.
किसानों को राहत, मंडियों में सोयाबीन का उचित मूल्य
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भावांतर योजना लागू करते हुए प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाया जाएगा. इसके लिए कलेक्टरों को मंडियों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलना चाहिए.
लाड़ली बहनों का सम्मान जरूरी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में माताओं-बहनों का सम्मान सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग लाड़ली बहनों की योजना का अपमान करते हैं और उन पर गलत आरोप लगाते हैं. ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बहनें हमेशा परिवार के लिए त्याग करती हैं और सही काम ही करती हैं. सरकार उनकी मदद करती रहेगी.
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