jagannath rath yatra : आज 20 जून मंगलवार को पुरी की प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा प्रारंभ हो रहा है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जो कि विष्णु जी के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं। जो हर साल आज ही के दिन जगन्नाथ जी अपने बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी गुंडीचा के घर जाते हैं। भगवान जगन्नाथ अपने रथ नंदीघोष, बलभद्र जी तालध्वज और सुभद्रा जी दर्पदलन पर सवार होकर अपने मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। इस मौके पर देश विदेश से लोग इस यात्रा में शामिल होने आते हैं।
क्यों निकलती है जगन्नाथ रथ यात्रा?
कहा जाता है कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा ने उनसे और बलराम से नगर भ्रमण की इच्छा जताई, जिसके बाद दोनों भाई बहन सुभद्रा को लेकर नगर घूमने के लिए निकल पड़े। नगर भ्रमण के दौरान भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी गुंडिचा के घर जाकर वहां पर 7 दिनों तक विश्राम भी करते हैं। तब से लेकर आज तक भगवान की भव्य यात्रा निकलने का क्रम जारी है।
क्या है जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जो लोग जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होते हैं, उनके पाप मिटते हैं और उनको 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का हृदय है। इस जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं।