Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ग्रेटर गाजियाबाद के गठन की घोषणा की. इस शहर के निगम क्षेत्र में तीन नगर परिषद आ जाएंगी, इसमें लोनी, खोड़ा और मुरादनगर नगर पालिका को नगर निगम में शामिल किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ग्रेटर गाजियाबाद पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा.” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गाजियाबाद आगमन के दौरान इन बातों को लेकर घोषणाएं हुईं.
3 नगर पालिकाओं का विलय
ग्रेटर गाजियाबाद का गठन लोनी नगर पालिका, खोड़ा-मकनपुर नगर पालिका और मुरादनगर नगर पालिका को गाजियाबाद नगर निगम (जीएमसी) के साथ मिलाकर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार तीनों नगर पालिकाओं को लाभान्वित करेगा. ग्रेटर गाजियाबाद के गठन से जीएमसी क्षेत्र जो 220 वर्ग किलोमीटर है बढ़कर लगभग 300 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा और मौजूदा 16 लाख की आबादी में 9 लाख की बढ़ोतरी होगी. अपने 100 वार्डों में जीएमसी 114 और जोड़ेगा. लोनी से 55 वार्ड, खोड़ा-मकनपुर से 34 वार्ड और मुरादनगर से 25 वार्ड जीएमसी में जुड़ेंगे.
नया जनपद मुख्यालय बन रहा है जहां सभी विभाग होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रेटर गाजियाबाद मे सालों से क्रिकेट स्टेडियम बनाए का कार्य रुका हुआ है. स्टेडियम बीसीसीआई को बनाना था लेकिन अब यह स्टेडियम गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण बनाएगा और उसका संचालन भी करेगा . नया जनपद मुख्यालय बनाया जा रहा है जहां एक ही छत के नीचे सभी विभाग होंगे. कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस मुख्यालय बनाया जा रहा है. दूधेश्वर नाथ मंदिर के कॉरिडोर बनाने के साथ का विकास कार्यों का मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया .
20,000 मेगावाट तक रिन्युअव पावर जेनरेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने तय किया है कि वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश 20,000 मेगावाट तक रिन्युअव पावर जेनरेट करेगा. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने जो कार्य प्रारंभ किए, आज उसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश के अंदर 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उबारने व अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय ढाई गुना से अधिक बढ़ाने में मदद मिली है
नया शहर बनाने की वजह
बढ़ती जनसंख्या को संभालने के अलावा नए उद्योगों को स्थापित करने या मौजूदा उद्योगों का विस्तार करने के लिए नए शहरों की योजना बनाई जा सकती है. रक्षा, व्यापार, या विशेष आर्थिक गतिविधियों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर शहर विकसित किए जा सकते हैं. एक स्पष्ट विजन तय करता है कि शहर कैसा दिखेगा. उसका उद्देश्य क्या होगा (जैसे स्मार्ट सिट, औद्योगिक शहर, पर्यावरण-अनुकूल शहर) और वह किन जरूरतों को पूरा करेगा.
बुनियादी ढांचे का विकास
1. सड़कें, राजमार्ग, पुल, और यदि आवश्यक हो तो रेलवे या मेट्रो लाइनों का निर्माण.
2. स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन, जल शोधन संयंत्र और सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना.
3. बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण नेटवर्क का निर्माण.
4. इंटरनेट और अन्य संचार सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे का विकास.
5. अपशिष्ट संग्रह, प्रसंस्करण और निपटान प्रणालियों की स्थापना.
निर्माण और विकास
आवासीय और वाणिज्यिक इमारतें: मास्टर प्लान के अनुसार घरों, अपार्टमेंट, कार्यालय भवनों, शॉपिंग मॉल और अन्य संरचनाओं का निर्माण.
संस्थागत इमारतें: स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सरकारी भवन और सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण.
सामाजिक बुनियादी ढांचा: पार्क, खेल के मैदान, सामुदायिक केंद्र और सार्वजनिक पुस्तकालयों का विकास.
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