लखनऊ। डॉन अतीक अहमद के करीबियों के ठिकानों पर ईडी के छापों में वसूली और जमीनों के कारोबार से जुटाई गयी काली कमाई को सफेद करने के पुख्ता प्रमाण मिल रहे हैं। जांच में सामने आया है कि अतीक अहमद के करीबियों ने 20 से ज्यादा शेल कंपनियों को मुंबई, कोलकाता और मुंबई में पंजीकृत कराया था। इन कंपनियों के जरिए अतीक की काली कमाई को खपाया जा रहा था।
अतीक और उसके कुनबे से जुड़ी इन कंपनियों के जरिए तमाम बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं। इसकी गहन जांच पड़ताल के लिए संबंधित शहरों के निबंधन कार्यालयों से जमीनों की रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रति मांगी गयी है।
जांच में ये भी पता चला है कि माफिया अतीक के दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट इस लेन-देन को सही ठहराने के लिए दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर हेरफेर कर रहे थे। ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी के अधिकारी जल्द ही प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ से अतीक गैंग के खिलाफ की गयी कार्रवाई का ब्योरा भी मांगेंगे।
बताते चलें कि अतीक और उसके गैंग की 1169 करोड़ रुपये की संपत्तियों को पुलिस जब्त अथवा ध्वस्त कर चुकी है। साथ ही, अतीक के कब्जे वाली अरबों रुपये की जमीनों को भी मुक्त कराया था। अब ईडी इसका ब्योरा लेकर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
ईडी के अधिकारी अतीक के बहनोई मेरठ निवासी डॉ. अखलाक की बेनामी संपत्तियों की भी जांच पड़ताल करने जा रही है। दरअसल, माफिया अतीक ने मेरठ में डॉ. अखलाक के नाम से कई बेशकीमती संपत्तियों को खरीदा था। जिसके बारे में अतीक के वकील खान सौलत हनीफ से भी पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि ईडी ने खान सौलत हनीफ के ठिकानों पर भी छापा मारकर संपत्तियों के तमाम दस्तावेज बरामद किए थे।
अतीक-अशरफ हत्याकांड में सरकार पर साजिश करने का लगा आरोप
माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड में सरकार की साजिश होने का दावा करने वाला वीडियो जारी करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने यह कार्रवाई एक ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए की है। ट्वीट में दावा किया गया है कि वीडियो बयान देने वाला शख्स मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज नूर अहमद अजहरी हैं।
हांलाकि,पुलिस ने इस मामले में अज्ञात को आरोपी बनाया है। कहा जा रहा है कि रोहित त्रिपाठी नाम के ट्विटर हैंडल से 18 अप्रैल की रात 10:22 बजे वीडियो पोस्ट किया गया था। वीडियो में दिख रहा शख्स कह रहा है कि अतीक-अशरफ को योगी जी ने अपराधियों से मरवाया। इसमें सरकार की साजिश है। जबिक ट्वीट में दावा किया गया है कि बयान देने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हैं। यह ट्वीट यूपी पुलिस को टैग कर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए साइबर क्राइम थाने के दरोगा रवि ने आईटी एक्ट व समुदायों के बीच घृणा पैदा कर भड़काने की धारा में केस दर्ज कराया है। साइबर विशेषज्ञ प्रकरण की जांच कर रहे हैं।